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दूसरी तिमाही में सेल के शुद्ध विक्रय आय में 21 प्रतिशत की वृद्धि

बोकारो. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2017) के दौरान शुद्ध विक्रय आय में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. 2017-18 की दूसरी तिमाही में शुद्ध विक्रय आय 13,442 करोड़ रुपया दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 11,080 करोड […]

बोकारो. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2017) के दौरान शुद्ध विक्रय आय में 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. 2017-18 की दूसरी तिमाही में शुद्ध विक्रय आय 13,442 करोड़ रुपया दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 11,080 करोड रुपया था.

सेल का जोर अपनी उत्पाद सूची में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का हिस्सा बढ़ाने पर है, जिसका सकारात्मक असर सामने आना शुरू चुका है. सेल ने उच्च गुणवत्ता के उत्पादों जैसे कोल्ड रोल्ड व गेलवेनाइज्ड उत्पादों के विक्रय में 21 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 2017-18 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2017) के दौरान घरेलू विक्रय में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. इसी के साथ कंपनी ने 2017-18 की पहली छमाही में रेलवे उत्पादों के भी विक्रय में 30 प्रतिशत की मात्रात्मक बढ़त हासिल की है.

नयी दिल्ली में गुरुवार को सेल निदेशक मंडल की बैठक हुई. बैठक में पहली छमाही की रिपोर्ट जारी की गयी. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह तिमाहियों से लगातार सकारात्मक इबीआइटीडीए यानि ब्याज, कर, मूल्य-ह्रास और ऋणमुक्त (बिना किसी विशेष खर्च को शामिल किये) दर्ज करते हुए सेल ने 2017-18 की पहली छमाही में 967 करोड़ रुपये की उच्चतम इबीआइटीडीए हासिल की है.

पिछले वर्ष की इसी अवधि के रुपया 192 करोड़ के इबीआइटीडीए के मुकाबले 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है. 2017-18 की दूसरी तिमाही में पूर्व मूल्य-ह्रास और विशिष्ट आइटम से 323 करोड़ रुपया का नकद लाभ प्राप्त किया है. 2017-18की दूसरी तिमाही में इबीआइटीडीए , 2016-17 की सकल इबीआइटीडीए से अधिक है. 2017-18 की दूसरी तिमाही में कंपनी की इबीआइटीडीए सकल विक्रय आय की 7.1 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की इसी अविध में 1.7 प्रतिशत थी.

कर पश्चात लाभ में 26 प्रतिशत का सुधार
कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में अपने कर पश्चात लाभ में 26 प्रतिशत का सुधार दर्ज करते हुए अपने घाटे को कम किया है. पिछले वर्ष की इसी अविध के दौरान कर पश्चात लाभ (-) 732 करोड़ रुपया था, जो अब घटकर (-) 539 करोड रुपया रह गया है. 2017-18 की दूसरी तिमाही में विक्रय आय में हुई बढ़ोतरी के बावजूद आयातित कोयले के मूल्य में भारी वृद्धि के चलते आंशिक रूप से कुल वृद्धि प्रभावित हुई है. बढ़ते हुए लागत को अप्रभावी करने की ओर कदम उठाते हुए कंपनी लगातार अपनी नयी सुविधाओं से उत्पादन शुरू कर रही है. साथ ही, अपनी आय बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता के उत्पादों का और अधिक उत्पादन करने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए अपनी तैयार सुविधाओं का अनुकूलतम उपयोग सुनिश्चित कर रही है. सेल का प्रचालन निष्पादन भी 2017-18 की दूसरी तिमाही में अच्छा रहा है.
सर्वश्रेष्ठ कोक रेट 459 किलो/टीएचएम दर्ज
कंपनी ने पिछले वर्ष की इसी अविध के मुकाबले 5 प्रतिशत सुधार करते हुए सर्वश्रेष्ठ कोक रेट 459 किलोग्राम/टीएचएम दर्ज किया है. पिछले वर्ष की इसी अविध के मुकाबले कोल्ड डस्ट इंजेक्शन 33 प्रतिशत बेहतर हुआ है और ब्लास्ट फर्नेस उत्पादकता में 4 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है. अधिक वैल्यू एडेड व विविधतापूर्ण उत्पादों को शामिल करने के माध्यम से प्रोडक्ट मिक्स को और समृद्ध बनाने की ज़रूरत पर बल देते हुए सेल अध्यक्ष पीके सिंह ने कहा : संपत्तियों की प्रचालन लागत को कम करने, विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन, कुशल उत्पादन प्रक्रिया व वैल्यू एडेड व ब्रांडेड उत्पादों के बढ़े दायरे पर तवज्जो देने का असर वित्तीय परिणामों के रूप में सामने दिखने लगा है. सेल के टर्नअराउंड पहल के तहत कंपनी की सभी इकाइयों में जारी हमारा विस्तृत सामूहिक संवाद कार्यक्रम प्राथमिकताओं को कंपनी की सामूहिक सोच के साथ जोड़ने में मदद करेगा.
डिप्लोमा इंजीनियर की डिमांड पर चर्चा
सेल निदेशक मंडल की बैठक में डिप्लोमा इंजीनियर्स की डिमांड पर करीब डेढ़ घंटे चर्चा हुई. डिप्लोमा इंजीनियर जूनियर इंजीनियर पदनाम की मांग कर रहे हैं. बैठक में सेल के स्वतंत्र निदेशक डॉ समर सिंह ने डिप्लोमा इंजीनियर की मांग को रखा. इस मामले में एनआरसी कमेटी अंतिम निर्णय लेगी.

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