नयी दिल्ली : जदयू के बागी गुट के दोनों राज्यसभा सदस्यों शरद यादव और अली अनवर ने उनकी संसद सदस्यता रद्द करने के मामले को सदन की समिति के सुपुर्द करने का अनुरोध किया है. जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा दोनों सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण संसद सदस्यता के अयोग्य घोषित करने की राज्यसभा के सभापति से की गयी मांग पर सुनवाई के दौरान दोनों ने इस मामले में सभापति के क्षेत्राधिकार पर सवाल खड़े करते हुए यह मांग की है.
अनवर ने आज संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विरोधी दलों के सम्मेलन में शामिल नहीं होने के पार्टी नेतृत्व के निर्देश के उल्लंघन की जांच पहले जदयू की अनुशासन समिति को करना चाहिए. अनवर ने कहा कि कल सुनवाई के दौरान उन्होंने सभापति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अव्वल तो इस मामले में संसद सदस्यता रद्द करने की शिकायत ही गलत है और दूसरा इस पर सुनवाई करना सभापति के क्षेत्राधिकार से बाहर है.
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय माल्या जदयू के पूर्व सांसद अनिल साहनी के खिलाफ आपराधिक आरोपों की शिकायत भी राज्यसभा की समिति को सौंपी गयी थी. अनवर ने कहा कि माल्या और साहनी के उलट यादव और उनके खिलाफ कोई आपराधिक शिकायत भी नहीं है. इस आधार पर उन्होंने कहा कि इस मामले को भी सभापति के बजाय सदन की समिति के सुपुर्द किया जाना चाहिए.