मुंबईः बीमा क्षेत्र की निगरानी करनेवाली संस्था इरडा ने बीमा प्रदाता कंपनियों के लिए हरेक पॉलिसी के साथ आधार लिंक करना अनिवार्य बना दिया है. इससे बीमा कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बैंक खातों को आधार से लिंक करने के लिए एसएमएस भेजकर ग्राहकों में खलबली मचाने से बैंकों को मना किया है. बावजूद इसके भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की ओर से यह निर्देश आ गया.
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इस निर्देश का असर यह होगा कि कंपनियां बीमा राशि का भुगतान करने से पहले धारकों को आधार और पैन नंबर जमा करने पर विवश करेंगी. ऐसा नहीं करने पर कंपनियां बीमा राशि के भुगतान पर रोक भी लगा सकती हैं. बीमा कंपनियों को जारी एक सर्कुलर में इरडा ने कहा कि 1 जून, 2017 की अधिसूचना में केंद्र सरकार ने बीमा समेत अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने के लिए आधार और पैन फॉर्म 60 को अनिवार्य कर दिया था. इस अधिसूचना में मौजूदा पाॅलिसयों को भी आधार और पैन से लिंक करने का निर्देश दिया गया था.
इरडा के आजीवन सदस्य नीलेश साठे ने कहा कि हमने कंपनियों को सूचित कर दिया है कि यही कानून है और उन्हें इसका पालन करना होगा. इरडा की आेर से सर्कुलर में कहा गया है कि निर्देशों में वैधानिक ताकत समाहित है. इसलिए जीवन और आम बीमा प्रदाताओं को अगले निर्देश का इंतजार किये बिना इसे झट से लागू करना होगा. जीवन बीमा करने वाली कुछ कंपनियां इसका यह मतलब निकाल रही हैं कि इस निर्देश के त्वरित असर के रूप में आधार-पैन से पॉलिसी को नहीं जोड़ने पर कोई भुगतान नहीं किया जा सकता.
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