17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चतुर्थ वर्गीय कर्मी के बेटे ने न्यायिक सेवा में लहराया परचम

जज बनकर किया नाम रोशन, जिले का मान भी बढ़ाया प्रवीण गोविंद सुपौल : अगर इरादे बुलंद हो तो कठिन से कठिन मंजिल भी एक ना एक दिन मिल ही जाती है. 29वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता में अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 23वां रैंक हासिल कर स्थानीय वार्ड नंबर 17 निवासी विंदेश्वरी प्रसाद चौरसिया के […]

जज बनकर किया नाम रोशन, जिले का मान भी बढ़ाया
प्रवीण गोविंद
सुपौल : अगर इरादे बुलंद हो तो कठिन से कठिन मंजिल भी एक ना एक दिन मिल ही जाती है. 29वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता में अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 23वां रैंक हासिल कर स्थानीय वार्ड नंबर 17 निवासी विंदेश्वरी प्रसाद चौरसिया के बेटे राजेश रंजन ने ना सिर्फ माता-पिता का नाम रोशन किया है, बल्कि जिले का भी मान बढ़ाया है.
रिटायर्ड चतुर्थवर्गीय कर्मी श्री चौरसिया कहते हैं कि ‘हिम्मते मर्दा मददे खुदा’. सचमुच, शख्स हिम्मत करके किसी काम को करता है तो ऊपर वाला भी उसकी हर मदद करता है. राजेश की सफलता की खबर से परिवार में खुशी का माहौल है. इधर, राजेश सफलता का सारा श्रेय माता-पिता, पत्नी और गुरुजन को देते हैं. उनका मानना है कि कुछ भी नहीं है मुश्किल गर ठान लीजिये. उन्होंने बताया कि समर्पण, मेहनत और लगन से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है. बोले, सच्ची लगन व कड़ी मेहनत से इंसान अपने मंजिल को पा सकता है.
मेहनत का मिला फल
बता दें कि राजेश के पिता बिंदेश्वरी प्रसाद चौरसिया व्यवहार न्यायालय सुपौल में चतुर्थ वर्गीय कर्मी से सेवा निवृत हुए हैं. श्री चौरसिया ने कम आमदनी में अपने तीन पुत्रों और एक पुत्री की परवरिश की. राजेश का शुरू से ही पढ़ाई के प्रति लगाव रहा है. अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए वे लगातार मेहनत कर रहे थे. मेहनत का फल भी मिला. देखते ही देखते एक चतुर्थवर्गीय कर्मी के बेटे ने न्यायिक सेवा में परचम लहरा कर यह सिद्ध कर दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. अगर कुछ करने का जज्बा हो तो निश्चित ही उसे पूरा किया जा सकता है. सामान्य परिवार के राजेश की प्रारंभिक पढ़ाई सुपौल में ही हुई.
वर्ष 1999 में टीसी हाई स्कूल से मैट्रिक और वर्ष 2001 में बीएसएस कॉलेज से इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजेश ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में दाखिला लिया. जहां से उन्होंने 2004 में बीएससी और फिर 2007 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. इसी क्रम में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 2008-09 में लॉ ट्रेनी के पद पर भी कार्य करने का मौका मिला. वर्ष 2009 से नेशनल इंश्योरेंश कंपनी में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं.
बधाईयों का तांता
श्री रंजन की कामयाबी पर लोगों ने हर्ष का इजहार करते हुए उन्हें बधाई दी है. बधाई देने वालों में प्रख्यात अर्थशास्त्री दुर्गानंद झा, कोसी पीपुल्स फ्रंट (गैर राजनीतिक) के केंद्रीय प्रवक्ता कुमारी दिव्या, बचपन बचाओ कमेटी की जिलाध्यक्ष नवनीता सिंह गुड्डी, महिला उत्थान समिति की जिलाध्यक्ष खुशबू झा, बीबीसी कॉलेज की प्राचार्य स्वाति साधना, शिक्षाविद‍् आनंद कुमार झा, प्रो अवधेश कुमार सिंह, सुब्रत मुखर्जी, बद्री प्रसाद मोहनका, विजय शंकर चौधरी, डॉ अमन कुमार, बबीता कुमारी आदि प्रमुख हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें