खानपुर : खुद के साथ हो रही छेड़खानी की शिकायत करते वक्त उसे तनिक भी एहसास नहीं रहा होगा कि इसकी कीमत उसे जान देकर चुकानी होगी. क्योंकि जिस सिस्टम में उसने न्याय के लिए आवेदन दिया था उसकी चाल इतनी धीमी निकली कि जब तक प्रशासन और पुलिस संजीदा हुई उसके ठीक 48 घंटे के अंदर ही उसकी हत्या हो गयी.
सूत्रों की मानें तो खुद पर हो रहे अत्याचार को लेकर उसने पूरी हिम्मत जुटा कर इसका पहले तो प्रतिकार किया, फिर इसकी शिकायत लेकर 22 सितंबर 17 को एसडीओ के यहां दस्तक दी. इस आवेदन में गांव के ही सात लोगों को आरोपित किया गया है. इसमें अमरजीत महतो, संजय महतो, मनोज कुमार महतो, रामप्रसाद महतो, सुरेश महतो, दिलीप महतो व रामदयाल महतो के नाम शामिल हैं.
इन पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया था. सदर एसडीओ एके मंडल ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल 23 सितंबर को कार्रवाई के लिए खानपुर थाने को आदेश निर्गत कर दिया. एसडीओ के आदेश के आलोक में 14 अक्तूबर को मेमो तैयार किया गया. एक नवंबर को जांच के लिए खानपुर थाना भेजा गया. ऑफिसियल पेच में यह मामला 40 दिनों तक फंसा रहा. जांच तीन नवंबर को पुलिस पदाधिकारी को हस्तगत हुआ. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने अगले ही दिन चार नवंबर को पीड़िता के घर रजवाड़ा पहुंच कर जांच पड़ताल की.
सूत्रों की मानें तो इसी रंजिश को लेकर पांच नवंबर की रात पक्ष विपक्ष में मारपीट हुई थी. इसकी सूचना पर थानाध्यक्ष पंकज कुमार पंत पुलिस बल के साथ रजवाड़ा पहुंचे थे. पुलिस का दावा है कि उस वक्त पीड़िता की खोज की गयी, लेकिन परिवार वालों ने उसे संबंधी के यहां जाने की बात कही थी. सोमवार की शाम उसकी लाश गाछी से बरामद की गयी.
मृतका की भाभी ने करायी थी प्राथमिकी
बताते चलें कि जिस छेड़खानी की शिकायत के बाद आवेदिका की हत्या हुई है उसकी भाभी ने भी उन्हीं लोगों को आरोपित करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सूत्रों की मानें तो इस संबंध में कांड संख्या 50/17 खानपुर थाने में दर्ज है. इसके बाद उसकी ननद ने भी उन्हीं लोगों को आरोपित करते हुए एसडीओ के यहां आवेदन दिया था. इसके बाद उसकी हत्या हो गयी.