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सादिक गया जेल बच्चे प्रिया के हवाले

प्रिया के पति ने ओमान से आकर दर्ज करायी थी प्राथमिकी जमशेदपुर : अोमान में कार्यरत धनबाद निवासी विनोद कुमार के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मानगो पुलिस ने सादिक उर्फ मुन्ना को कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया. दोनों बच्चों अनामिका एवं आलोज को कोर्ट ने फिलहाल मां प्रिया रानी उर्फ […]

प्रिया के पति ने ओमान से आकर दर्ज करायी थी प्राथमिकी

जमशेदपुर : अोमान में कार्यरत धनबाद निवासी विनोद कुमार के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मानगो पुलिस ने सादिक उर्फ मुन्ना को कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया. दोनों बच्चों अनामिका एवं आलोज को कोर्ट ने फिलहाल मां प्रिया रानी उर्फ प्रिया आशिक को सौंप दिया है. कोर्ट में प्रिया का 164 के तहत बयान दर्ज कराने की अर्जी खारिज हो गयी. विनोद कुमार ने सादिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसके आधार पर सादिक को एमएम प्रधान की अदालत में सोमवार को प्रस्तुत किया गया,
जहां से कोर्ट ने सादिक को जेल भेज दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में प्रिया अौर उसके बच्चे तथा विनोद कुमार भी मौजूद थे. विनोद कुमार ने बुधवार (एक नवंबर) को अोमान से मुख्यमंत्री को ट्विट कर 2010 में दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशल एयरपोर्ट से पत्नी व दो बच्चों का अपहरण कर मानगो में रखने की शिकायत करते हुए मदद मांगी थी. मुख्यमंत्री के आदेश पर मानगो पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी.
रविवार को विनोद कुमार ने अोमान से आकर प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
बच्चों की कस्टडी के लिए चार घंटे तक चली बहस
प्रिया के दोनों बच्चों की कस्टडी के लिए विनोद और बचाव पक्ष की ओर से पुलिस ने एमएम प्रधान की कोर्ट में सोमवार को सुबह करीब 11 बजे सादिक, प्रिया और उसके दोनों बच्चों को पेश किया. कोर्ट में अाने के बाद दोपहर करीब 12.15 बजे से बहस शुरू हुई. पहली बार की बहस में कोर्ट ने आरोपी सादिक को जेल भेजने का आदेश जारी किया. उसके कुछ देर के बाद वेलफेयर ऑफ चाइल्ड और बच्चों की कस्टडी के लिए बहस शुरू हुई . पहली बार की बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो जाहिद इकबाल की ओर से अपना पक्ष कोर्ट में रखा गया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि बच्चे शुरू से अपनी मां के साथ रह रहे हैं.
वह विनोद को ठीक से पहचानते तक नहीं हैं. ऐसे में बच्चों की कस्टडी विनोद को देने से बच्चों को परेशानी हो सकती है. वहीं वादी की ओर से कोर्ट में आये अधिवक्ताओं ने भी कोर्ट को कई प्रकार की कानूनी दलीलें दी. वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने बताया कि प्रिया जिसके साथ रह रही है, उसे कोर्ट ने जेल भेज दिया है. ऐसे में अगर बच्चों की कस्टडी प्रिया को दी जायेगी तो बच्चों को परेशानी होगी. बच्चों को रहने, खाने और लालन-पालन के लिए रुपये की जरूरत होगी
और सादिक के जेल जाने के कारण प्रिया बच्चों की सभी मांग को पूरी नहीं कर पायेगी. इसी बात को लेकर कोर्ट के समक्ष करीब चार से पांच बार दोनों पक्षों की ओर से अपनी-अपनी दलीलें रखी गयीं. दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों बच्चों की कस्टडी वर्तमान में उनकी मां प्रिया को सौंप दी.
164 की अर्जी को किया खारिज
सादिक उर्फ मुन्ना अौर प्रिया रानी उर्फ प्रिया आशिक के अधिवक्ता मो जाहिद इकबाल ने कोर्ट में प्रिया का 164 का बयान दर्ज कराने व बच्चों की कस्टडी उनकी मां प्रिया को देने के लिए एमएम प्रधान की कोर्ट में अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने 164 की अर्जी को खारिज कर दिया. उसके बाद कोर्ट में वेलफेयर ऑफ चाइल्ड को देखते हुए केवल बच्चों की कस्टडी के बिंदु पर बहस हुई.
पुलिस ने नहीं लगायी धर्म परिवर्तन की धारा
विनोद कुमार के अधिवक्ता ने बताया कि विनोद ने अपने आवेदन में लिखा था कि सादिक ने उनकी पत्नी प्रिया और दोनों बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया है. दर्ज आवेदन में लिखने के बाद भी पुलिस ने धर्म परिवर्तन की धारा केस में दर्ज नहीं की है. इस कारण अधिवक्ताओं की अनुसंधानकर्ता के साथ भी बहस हुई. अधिवक्ताओं ने पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर की. पुलिस ने बताया कि यह अनुसंधान का विषय है. पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है. पुलिस ने दर्ज मामले में 494, 497, 509, 384, 347 धारायें लगायी हैं.
प्रिया के आवेदन को पुलिस ने नहीं किया दर्ज
प्रिया के अधिवक्ता मो जाहिद ने बताया कि प्रिया ने भी मानगो थाना में विनोद कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आवेदन दिया था. लेकिन मानगो पुलिस ने प्रिया के आवेदन पर केस दर्ज नहीं किया. प्रिया ने मानगो थाना में विनोद के खिलाफ शादी के दिन से ही दहेज के लिए प्रताड़ित करने, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने, आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने, बच्चों के साथ उसकी हत्या का प्रयास करने, डरा-धमकाकर इच्छा के विरुद्ध दुराचार करने का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया था. लेकिन मानगो पुलिस ने उस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की.

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