समस्तीपुर : पोस्टमार्टम के बाद अब शव रेल थाने पर खुले में नहीं रखा जायेगा. आरपीएफ ने समस्तीपुर रेलमंडल के सात थानों को शव रखने के लिए फ्रीजर बॉक्स दिया है. इसमें शव के रखे जाने से थाने के पास दुर्गंध आने की समस्या खत्म हो जायेगी. आरपीएफ कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित ने बताया कि पहले पोस्टमार्टम के बाद शव को व्यवस्था के अभाव में स्टेशनों पर खुले में रखा जाता था. इस बाबत कई बार यात्रियों ने शिकायत भी की.
यात्रियों की मानें तो इससे उन्हें प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार करने में भी परेशानी होती थी. इसी के मद्देनजर मंडल के समस्तीपुर, जयनगर, दरभंगा, मोतिहारी, रक्सौल, बेतिया, सगौली, सीतामढ़ी व सहरसा स्टेशन स्थित रेल थाने को फ्रीज बॉक्स उपलब्ध कराया गया है. इसमें करीब ढाई लाख रुपये की लागत आयी है. इस बॉक्स में शव भी सुरक्षित रहेगा. आरपीएफ के इस पहल से रेल पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों को भी दुर्गंध की परेशानी से मुक्ति मिल गयी है.
यह है प्रावधान : शव को बरामद करने के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया जाता है. इसके बाद उसे 72 घंटे तक सुरिक्षत रखा जाता है. मृतक के परिजन का पता नहीं चलने पर शव की अंत्योष्टि करा दी जाती है. इस दौरान अगर परजिन की पहचान हो जाती है, तो शव उनके हवाले सौंप दिया जाता है.
शव रखने के लिए सात थानों को मिले फ्रीजर बॉक्स
पहले स्टेशनों पर खुले में शव रखने से आने लगती थी दुर्गंध
यात्रियों को ट्रेन का इंतजार करने में होती थी परेशानी
डीआरएम पर हुआ था केस
पिछले वर्ष रेल मजिस्ट्रेट ने शव की दुर्गंध से परेशान होकर तत्कालीन समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरएम के खिलाफ केस दर्ज किया था. दरअसल, समस्तीपुर जंक्शन पर रेलवे कोर्ट व रेल थाना दोनों आपस में सटे हैं. थाने के पास जब लावारिस शव को रखा जाता था, तो इससे कोर्ट तक दुर्गंध होती थी. केस होने पर रेलवे में हड़कंच मच गया था. आला अधिकारियों ने मामले में रेल थाने पर शव को संरिक्षत रखने की व्यवस्था करने को कहा था. इसके बाद फ्रीज बॉक्स थाने को देने का पहल आरपीएफ ने किया.