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बढ़ रहे भ्रष्टाचार के मामले, एंटी करप्शन टीम बेकार
भागलपुर: कई सालों से भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए उड़नदस्ते गठित तो हैं, मगर उस उड़नदस्ते को शायद पंख नहीं लग सका है. तभी तो जिला स्तर पर कई बार कागजों में गठित टीम हकीकत में भ्रष्टाचार मामले में कोई बड़ा खुलासा नहीं कर सकी है. अगर उड़नदस्ता टीम गठन के बाद ही अलर्ट रहती […]
भागलपुर: कई सालों से भ्रष्टाचारियों को पकड़ने के लिए उड़नदस्ते गठित तो हैं, मगर उस उड़नदस्ते को शायद पंख नहीं लग सका है. तभी तो जिला स्तर पर कई बार कागजों में गठित टीम हकीकत में भ्रष्टाचार मामले में कोई बड़ा खुलासा नहीं कर सकी है. अगर उड़नदस्ता टीम गठन के बाद ही अलर्ट रहती तो सृजन जैसा करोड़ों का घोटाला समय रहते पकड़ा जाता.
वर्ष 2007 से उड़नदस्ता टीम का है प्रावधान. निगरानी विभाग ने जिला स्तर पर कार्यालय में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक उड़नदस्ता टीम का गठन करने का निर्देश दिया था. वर्ष 2007 से मिले निर्देश में टीम में अपर समाहर्ता स्तर के अफसर के अतिरिक्त पुलिस पदाधिकारी, एक तकनीकी पदाधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं. सरकारी संकल्प के अनुसार, उड़नदस्ता टीम लोगों की शिकायत या फिर सूचना के आधार पर किसी भी सरकारी विभाग में छापेमारी कर सकेगी. जिससे सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार को पूरी तरह रोका जा सके.
बार-बार उड़नदस्ता टीम में बदलते रहे सदस्य. निगरानी के उड़नदस्ते की टीम में बार-बार सदस्य बदलते रहे. मगर यह टीम आॅफिस से बाहर एक्शन में नहीं आयी. नतीजतन जिस मंशा से टीम को गठित किया गया, वह पूरा नहीं हो सका.
15 से अधिक केस लंबित, विभागीय जांच का पद खाली. जिला में करीब डेढ़ वर्ष से विभागीय जांच का पद खाली है. इस कारण भ्रष्टाचार से जुड़े 15 से अधिक केस लंबित हैं. इन केसों में आरोपित पदाधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई तय नहीं हो पायी है.
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