पश्चिम बंगाल व झारखंड से लायी जा रही शराब
राज किशोर
कटिहार : शराब बंदी के बावजूद शहर सहित पूरे जिले में शराब की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है. पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड से बड़े पैमाने पर शराब यहां पहुंच रही है. एक अनुमान के मुताबिक शराब बंदी के बाद प्रत्येक माह लाखों की शराब जिले में सप्लाई हो रही है.
इससे जुड़े धंधेबाज सेटिंग गेटिंग कर धंधे को संचालित कर रहे हैं. यही वजह है कि शराब बंदी जिले में सफल नहीं हो पा रही है. पुलिस व उत्पाद विभाग रोज शराब पीने वालों को पकड़ तो रही है लेकिन अवैध शराब कारोबारी पकड़ से बाहर हैं. शराब कारोबार में संलिप्त लोग उंचे दामों पर आसानी से लोगों को शराब उपलब्ध करा रहे हैं. होम डिलवरी तक हो रही है. ऐसे में पुलिस व उत्पाद विभाग पर सवाल व अंगुली उठना लाजमी है.
सूत्रों का कहना है कि उत्पाद विभाग व पुलिस सिर्फ छोटे लोगों को पकड़कर औपचारिकता भर निभा रही है. बड़े शराब के अवैध कारोबारी तथा शराब पीने वालों को पकड़ने से परहेज कर रही है. यही वजह है कि शराब कारोबार बंद होने की जगह और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. हाल के दिनों में शराब का अवैध कारोबार तेजी से बढ़ा है. दरअसल कटिहार जिला बंगाल व झारखंड की बॉर्डर पर अवस्थित है. एक तरफ पश्चिम बंगाल के बॉर्डर से बलरामपुर, बारसोई, आजमनगर, कदवा, प्राणपुर प्रखंड के दर्जनों पंचायत की सौ से अधिक गांव जुड़े हैं, जबकि अमदाबाद के कई गांव झारखंड राज्य के बॉर्डर से करीब हैं.
उन स्थानों से बड़े पैमाने पर रात के अंधेरे की बात तो दूर दिन के उजाले में अवैध शराब लाकर कटिहार सहित दूसरे जिले में सप्लाइ की जा रही है. कई स्थानों पर चेक पोस्ट भी बनाये गये हैं. लेकिन चेक पोस्ट का संचालन चौकीदार के भरोसे हो रहा है. इस तरह से पश्चिम बंगाल व झारखंड से शराब की खेप यहां पहुंच रही है. उसे रोकने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाये गये तो मुख्यमंत्री के शराब बंदी कार्यक्रम में बड़ा झटका लग सकता है.
शहर में नहीं होती वाहनों की जांच: शहर में पुलिस वाहनों की जांच ही नहीं करती है. यही वजह है कि शराब कारोबारी पकड़े नहीं जा रहे हैं. यदि चौक-चौराहे पर चार चक्का, दो पहिया वाहनों की जांच सख्ती से की जाये तो पहले ही दिन कई कारोबारी व आदतन शराबी पकड़े जायेंगे. पर ऐसा नहीं हो रहा है.
सूत्रों का कहना है कि अवैध शराब कोराबारियों का नेटवर्क भी तगड़ा है. कहीं कोई छापेमारी होने की बात होती है तो उन्हें पहले ही उसकी सूचना प्राप्त हो जाती है. यही नहीं कई बार तो चढ़ावा लेकर शराब पीने वाले तथा कारोबारियों को छोड़ दिया जाता है. पुलिस व उत्पाद विभाग का पुराना रट होता है कि शराब का कारोबार नहीं हो रहा है. लेकिन रोज पकड़े जाने वाले शराबियों के आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि जिले में बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार हो रहा है. जिसे रोक पाने में पुलिस व उत्पाद विभाग फेल साबित हो रहा है.
चौकीदार के भरोसे चेकपोस्ट का हो रहा संचालन
शराबबंदी के बाद सरकार के निर्देश पर पश्चिम बंगाल से जुड़े कुछ स्थानों पर चेक पोस्ट बनाया गया है. कुछ दिनों तक चेकपोस्ट पर काम भी हुआ लेकिन अब चेक पोस्ट संचालन के नाम पर औपचारिकता भर निभायी जा रही है. चेक पोस्ट का संचालन चौकीदार के भरोसे हो रहा है.
ऐसे में कैसे पश्चिम बंगाल से लाये जाने वाले अवैध शराब को पकड़ा जाता होगा. सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके साथ ही बारसोई अनुमंडल के दर्जनों गांव पश्चिम बंगाल सीमा क्षेत्र से सटा हुआ है. दर्जनों रास्ते हैं. कारोबारी मुख्य सड़क छोड़कर दूसरे रास्ते व खेत खलिहान के रास्ते शराब की बड़ी खेप मंगा रहे हैं. यहां उन्हें पकड़े जाने का कोई भय नहीं है. जानकारी के अनुसार बलरामपुर का तेलता पश्चिम बंगाल से सटा हुआ है. इस रास्ते शराब आता है जो कुरूम के रास्ते जिले में पहुंच रहा है. बलरामपुर बाजार भी पश्चिम बंगाल से सटा है. सोनी दिग्धी के पास चेक पोस्ट है.
लेकिन इसका संचालन चौकीदार के भरोसे हो रहा है. इसी तरह आजमनगर प्रखंड क्षेत्र भी पश्चिम बंगाल के सीमा को कई जगह को छूता है. यहां गायघट्टा में चेक पोस्ट बनाया गया है. यहां चेक पोस्ट पर चौकीदार शराब कारोबारियों को पकड़ने के लिए तैनात है. एक भी कारोबारी हाल के दिनों में नहीं पकड़े गये हैं. जबकि सूत्र बताते हैं कि बड़े पैमाने पर शराब की खेप रोज पहुंच रही है. बारसोई के आबादपुर, बेलवा, नलसर, चापाखोर, धर्मपुर जैसे पंचायत बंगाल सीमा से सटा हुआ है. करीब 25-30 गांव सीमा से सिधा जुड़ा हुआ है.
इससे कुरसिदा हाट काफी नजदीक है. वहीं से शराब कारोबारी शराब लाकर दूसरे जगह भेजने का काम करते हैं. इसके साथ ही बेलवा व धर्मपुर में दो चेक पोस्ट चौकीदार के भरोसे संचालित हो रहा है. इधर अमदाबाद प्रखंड का लखनपुर, उत्तरी अमदाबाद, दुर्गापुर पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ है. जबकि चौकिया पहाड़पुर पंचायत पश्चिम बंगाल व झारखंड दोनों राज्यों से सटा है. वहीं दक्षिण करिमुल्लापुर झारखंड से सटा क्षेत्र है. दो-दो राज्यों से सटे इन स्थानों पर कही भी चेक पोस्ट नहीं है. पश्चिम बंगाल का सबसे नजदीक बाजार गोबरा है. यहां सप्ताहिक हाट लगता है. महानंदा नदी नाव के सहारे 10 मिनट में पार कर लोग थोक व खुदरा समानों की खरीदारी वहीं करने जाते हैं. सूत्रों का कहना है कि यहां से बड़े पैमाने पर शराब बिहार में आता है.
इसे कटिहार सहित दूसरे जिलों में भेजा जाता है. कोई रोकने टोकने वाला नहीं है. इसके साथ ही झारखंड सीमा से जुड़े गांव के लिए झारखंड का सकरीगली नजदीक है. गंगा नदी नाव से पार लोग कर आते जाते हैं. यहां गदाई दियरा में पुलिस कैंप बगैर पुलिस पदाधिकारी के संचालित हो रहे हैं. ऐसे में अवैध शराब कारोबार को कैसे रोका जा सकता है.