रांची: मोरहाबादी स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाली युवती से छेड़खानी करने वाले आरोपी को पकड़ कर छोड़ने तथा पीड़ित पक्ष के दो लोगों को थाना में बैठा कर रखने और सुप्रिया मिंज हत्याकांड मामले में डीआइजी एवी होमकर ने बरियातू थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव रंजन लाल को निलंबित कर दिया है. डीआइजी ने यह […]
रांची: मोरहाबादी स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाली युवती से छेड़खानी करने वाले आरोपी को पकड़ कर छोड़ने तथा पीड़ित पक्ष के दो लोगों को थाना में बैठा कर रखने और सुप्रिया मिंज हत्याकांड मामले में डीआइजी एवी होमकर ने बरियातू थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव रंजन लाल को निलंबित कर दिया है.
डीआइजी ने यह कार्रवाई सिटी एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर रविवार की देर रात की है. डीआइजी ने रिपोर्ट में लिखा है कि सिटी एसपी की जांच में कई तथ्य सामने आये हैं. बरियातू थाना प्रभारी ने छेड़खानी की घटना के पीड़ित पक्ष के दो लोगों को थाना में बैठा कर रखा. जबकि जिस पर आरोप था कि उसको थाने से जाने दिया गया. पूरे घटनाक्रम में उनकी लापरवाही स्पष्ट परिलक्षित होती है. क्योंकि जब मारपीट के आरोपी को भी थाना लाया गया था, उसी समय इसके मूल कारणों की जांच की जाती, तब छेड़खानी का तथ्य प्रकाश में आता. लेकिन बरियातू थाना प्रभारी ने मामले में केस दर्ज करने में देर की.
डीआइजी ने रिपोर्ट में लिखा है कि पूर्व में भी इंस्पेक्टर राजीव रंजन लाल को सुप्रिया मिंज हत्याकांड के मामले में 29 अक्तूबर को शोकॉज किया गया था. जिसकी जांच में पाया गया कि इतने गंभीर मामले में इंस्पेक्टर ने घटना स्थल का निरीक्षण नहीं किया था. मामले में एसएसपी द्वारा भी जांच और पूछताछ की गयी. उसमें राजीव रंजन लाल की लापरवाही की बात सामने आयी. उपरोक्त दोनों घटना में पुलिस को आम जनता की विरोध का सामना करना पड़ा. महिला उत्पीड़न के मामले में त्वरित कार्रवाई करने से जनता के बीच अच्छा संदेश जाता है और अपराधियों के बीच भय पैदा होता है. लेकिन मामले में राजीव रंजन लाल ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्हें निलंबित करते हुए पुलिस लाइन में योगदान देने का आदेश दिया जाता है.