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बिहार : समस्तीपुर में बागमती में भी हादसा, नाव पलटी, तीन महिलाओं की मौत

शिवाजीनगर (समस्तीपुर) : बागमती नदी में रविवार को नाव पलटने से तीन महिलाओं की मौत हो गयी. वहीं नाव पर सवार कई लोगों को बचा लिया गया, जबकि कुछ अन्य के लापता होने की आशंका है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि किसी अन्य के लापता होने के सूचना नहीं है. हादसे की सूचना पर […]

शिवाजीनगर (समस्तीपुर) : बागमती नदी में रविवार को नाव पलटने से तीन महिलाओं की मौत हो गयी. वहीं नाव पर सवार कई लोगों को बचा लिया गया, जबकि कुछ अन्य के लापता होने की आशंका है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि किसी अन्य के लापता होने के सूचना नहीं है. हादसे की सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक पदाधिकारी महाजाल की मदद से लापता लोगों की खोज में जुटे हैं.
मृतकों में धर्मपुर के रामाशीष राम की पुत्री पूनम देवी, नूनू राम की पत्नी नगीना देवी व जीरो दास की पत्नी रीता देवी शामिल हैं. वहीं पानी से बाहर निकाले गये लोगों की स्थानीय स्तर पर इलाज जारी है. इनमें लालबाबू पाल की पुत्री अंशु कुमारी की स्थिति गंभीर बनी है.
उसे समस्तीपुर रेफर कर दिया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अन्य दिनों की भांति रविवार को भी खेतीबारी और पशुओं का चारा लाने के लिए धर्मपुर के लोग बागमती पार वारिसनगर के रतरास चौर जाने के लिए नाव पर सवार हुए थे. छोटी-सी नाव पर 30-40 लोग सवार हो गये. उस पर आलू व खाद की बोरियां भी लदी थीं. बीच धारा में पहुंचते ही नाव डगमाने लगी. लोग कुछ समझ पाते तब तक नाव पलट गयी. सभी नदी में डूबने लगेे. लोगों को डूबता देख घाट के दोनों ओर खड़े लोगों ने शोर मचाया.
इस बीच कुछ लोगों ने तैर कर नदी के बाहर आकर अपनी जान बचायी. सूचना पर पहुंचे जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय लोगों की मदद से लोगों को पानी से बाहर निकालना शुरू किया. इस क्रम में पूनम देवी, नगीना देवी व रीता देवी की मौत हो चुकी थी. वहीं, बाकी लोग अधिक पानी पीने की वजह से मरनासन्न स्थिति में थे. उन्हें लोगों ने आसपास के निजी अस्पतालों में दाखिल कराया. सूचना मिलते ही स्थानीय मुखिया बबलू रजक, थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद, बीडीओ बिद्दू कुमार राम, सीओ राजीव रंजन चक्रवर्ती, रोसड़ा के डीएसपी अजीत कुमार भी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. महाजाल के सहयोग से लोगों की खोज शुरू करायी. वहींशिवाजीनगर के सीओ राजीव रंजन चक्रवर्ती ने कहा कि नाव पर सवार बाकी लोगों को पानी से बाहर निकाल लिया गया है. कहीं से किसी भी सदस्य के गायब होने की सूचना नहीं है. हादसे की जांच की जायेगी.
नौका हादसे के बाद जब लोगों को पानी से बाहर निकाला जा रहा था, उन्हें इलाज के लिए ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. यहां तक की मृत महिलाओं को जब निकाला गया तो परिजन इस उम्मीद में उन्हें बाइक से लेकर अस्पताल पहुंचे कि शायद उनकी जान बची हो. यहां न तो प्रशासन की ओर से वाहन की कोई व्यवस्था थी और न ही अधिकारियों ने निजी पहल ही की. इससे ग्रामीणों में स्थानीय प्रशासन के प्रति भारी क्षोभ दिख रहा है.

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