रांची : टाटा, जिंदल स्टील, श्रीवीर सहित दस कंपनियों का सरिया (छड़) रास्ते से गायब करने वाले गिरोह का खुलासा रांची पुलिस ने किया है़ बताया जा रहा है कि करीब हर माह 10 कराेड़ रुपये की छड़ इस गिरोह द्वारा गायब कर खुले बाजार में बेचा जा रहा था. जमशेदपुर से लेकर हजारीबाग, चौपारण तक यह गिरोह सक्रिय है़ .
जानकारी मिलने के बाद सिल्ली डीएसपी सतीश चंद्र झा, बेड़ो डीएसपी व क्यूआरटी ने छापेमारी कर इस मामले का खुलासा करते हुए गोदाम संचालक प्राण महतो के अलावा पांच ट्रेलर चालकाें को गिरफ्तार किया गया है़ साथ ही नामकुम, बीआइटी ओपी, सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है़ मामला चार नवंबर का है़.
टाटा कंपनी ने की थी शिकायत
चार नवंबर को रांची पुलिस को टाटा स्टील से जानकारी मिली थी कि टाटा से विभिन्न डिपो को लोहे की छड़ भेजे जाने के दौरान संगठित गिरोह द्वारा रास्ते से गायब कर खुले बाजार में बेचा जा रहा है़ इस गिरोह के सदस्य अपने-अपने चहारदिवारी वाले गोदामो में ट्रेलर को अंदर ले जाकर 250- 300 किलो छड़ उतार लेते है़ं इसकी जानकारी मिलने पर नामकुम थाना क्षेत्र के रिंग रोड के रामपुर गांव के निकट सुभाष जायसवाल के गोदाम में छापेमारी की गयी़ वहां से विभिन्न साइज का 3़ 30 टन सरिया बरामद किया गया़ इसके बाद गोदाम संचालक प्राण महतो काे गिरफ्तार किया गया़ इस संबंध में नामकुम थाना कांड में प्राथमिकी दर्ज की गयी़ इसके बाद बीआइटी ओपी क्षेत्र के एनएच-33 से सटे रोहित शुक्ला के गोदाम में रेड कर 1़ 7 टन चोरी का छड़ निकालते हुए पकड़ा गया़ इस संबंध में बीआइटी ओपी में प्राथमिकी दर्ज की गयी है़ उसके बाद सदर थाना क्षेत्र के जुमार पुल के निकट पवन दीक्षित व श्याम दीक्षित के गोदाम से 2़ 60 टन टाटा स्टील का सरिया बरामद किया गया. साथ ही छड़ पहुंचाने वाले पांच ट्रेलर चालकों को गिरफ्तार कर गोदाम संचालक सहित चालकों पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है़
इस तरह काम को अंजाम देते थे गिरोह के सदस्य
सिल्ली डीएसपी ने बताया कि प्रतिदिन दर्जनों ट्रेलर से विभिन्न गोदामाें में ढाई से तीन सौ किलो सरिया उतारा जाता था़ वजन कम होने पर चालकों द्वारा बताया जाता था कि अलग-अलग कांटा होने से वजन में अंतर आने के कारण ऐसा हो रहा है़ लेकिन बार-बार इस प्रकार की शिकायत सामने आने पर टाटा, जिंदल, श्रीवीर सहित अन्य कंपनियों को शक हुआ़ सभी ने अपने स्तर से जांच करायी तो पता चला कि चोरी से सरिया गायब करनेवाला गिरोह काम कर रहा है.
चालक, गिरोह के सदस्यों से मिलकर विभिन्न स्थानों पर 250-250 किलो ग्राम यानी चार जगहों पर एक टन सरिया उतार लिया जाता था. एक टन सरिया की कीमत 40,000 रुपये है़ इस प्रकार एक महीना में एक कंपनी का एक करोड़ से अधिक का सरिया गायब कर दिया जाता था. दस कंपनियाें की एक-एक करोड़ की सरिया यानि दस करोड़ की छड़ एक माह में चोरी की जा रही थी. यह चोरी रांची, चौपारण, हजारीबाग के बीच की जाती है़.