नयी दिल्लीः अयोध्या मसले पर प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने शनिवार को कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान अब अदालत के बाहर नहीं हो सकता. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही स्वीकार्य होगा. दरअसल, हाल ही में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने अयोध्या मामले को अदालत से बाहर हल करने के मकसद से बातचीत के लिए मध्यस्थता की पेशकश की थी.
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जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिंद अदालत से बाहर किसी समाधान के सुझाव को खारिज करती है. अदालत का फैसला ही हमें स्वीकार होगा. पाॅपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नामक संगठन को आने वाले समय में प्रतिबंधित किये जाने से संबंधित खबरों पर जमात-ए-इस्लामी के महासचिव सलीम इंजीनियर ने कहा कि हम संगठनों पर पाबंदी लगाने के चलन के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि हां, अगर किसी संगठन ने कानून का उल्लंघन किया है, तो उस पर कानून के तहत कार्रवार्इ होनी चाहिए, परंतु किसी संगठन को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हाल में की गयी मुठभेड पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कथित अपराधियों के खिलाफ पिछले छह महीने में बड़ी संख्या में मुठभेड हुईं, जिनमें बहुत से लोग मारे गये. यह चिंता का विषय है. हम मांग करते हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इसका संज्ञान ले.