पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राज्य सरकार अपना पैसा उन बैंकों में नहीं रखेगी जो सरकारी योजना के लाभार्थियों को ऋण देने में हिचकते हैं. वित्त और वाणिज्यिक कर विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहें उपमुख्यमंत्री ने कहाकि आने वाले दिनों में, हम समीक्षा करेंगे कि कौन-कौन से बैंक लाभार्थियों को ऋण देने में हिचकते हैं. सरकार उन बैंकों के साथ न तो किसी तरह का लेनदेन करेगी और न ही अपना धन इन बैंकों में जमा करेगी.
62वें तिमाही राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) की वार्षिक ऋण योजना (एसीपी) के तहत ऋण वितरण के प्रदर्शन की समीक्षा को लेकर बुलायीगयी बैठक में मोदी ने कहा कि राज्य सरकार मापदंड तैयार करेगी. जिसके आधार पर बैंकों का वर्गीकरण किया जायेगा. उन्होंने आगे कहा कि दिंसबर के अंत तक राज्य सरकार मापदंड तय कर देगी इसके आधार पर बैंकों का वर्गीकरण होगा. सरकार द्वारा तय किये मानदंडों पर सबसे ज्यादा खरे उतरने वाले बैंकों में सरकारी अपना पैसा जमा किया जायेगा.
इससे पहले साल 2012-13 में, बिहार सरकार ने सार्वजनिक और निजी बैंकों में सरकारी पैसा जमा करने के लिए इसी तरह के मापदंड तय किये थे. उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बदलते हुए परिदृश्य और कुछ अन्य योजनाओं को देखते हुए ताजे मापदंड तैयार करेगी. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, आरबीआइ, नाबार्ड और अन्य बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक में भाग लिया.