गढ़वा : सरकार की गलत नीतियों की शिकायत करना अथवा सही रूप से सुझाव देना सरकार का विरोध नहीं होता है. मैं सरकार की किसी भी जनविरोधी नीति का हमेशा विरोध करता रहा हूं और यह कहीं से भी गलत नहीं है और न ही यह बात सरकार के विरोध में जाता है. यह बात झारखंड सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सह खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कही. स्थानीय परिसदन में प्रभात खबर से बातचीत में श्री राय ने कहा कि सरकार की संस्कृति में बदलाव लाने की जरूरत है.
आज जनता को सरकार से जिस प्रकार की उम्मीद है, उस पर हमें खरा उतरना होगा. उन्होंने कहा कि जब वे जिलों में घूमते हैं, तो देखते हैं कि डीसी को फुर्सत नहीं है. हमें डीसी को अपना काम करने देना चाहिए. डीसी के पास प्रशासनिक स्तर के बहुत से मामले रहते हैं. लेकिन इसके बजाय डीसी को सप्ताह में तीन दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रहना पड़ता है. वहां डीसी को बीडीओ, सीओ के सामने ही ऊपर से डांट पड़ती है.
जिस बीडीओ, सीओ को डीसी को कंट्रोल करना है, उसके सामने ही जब वह डांट सुनेगा, तो उसका नीचे के अधिकारियों पर क्या असर पड़ेगा. खाद्य आपूर्ति मंत्री ने सभी तरह के सरकारी कार्यक्रमों में डीसी को लगाये जाने को भी अव्यावहारिक बताया. उन्होंने कहा कि इस समय इवेंट मैनेजमेंट हो रहा है. ऊपर से कार्यक्रम आने पर डीसी समेत सभी अधिकारी सब जरूरी काम छोड़ कर उसी में लग जाते हैं. इसमें देखा जाता है कि सभी कार्यक्रमों में भीड़ के रूप में प्राय: एक ही तरह का सेट अप दिखाई देता है. इससे महज यह कार्यक्रम की औपचारिकता लगने लगती है. इतना ही नहीं बड़े कार्यक्रमों में जिसमें मुख्यमंत्री शामिल होते हैं, उसमें भीड़ जुटाना प्रशासन के लिए एक चुनौती बन जाता है. यह प्रशासनिक हिसाब से ठीक नहीं है. इस तरह की संस्कृति में हमें सुधार करने की जरूरत है.
भूख से मौत की पुष्टि नहीं जज से करा ली जाये जांच
सिमडेगा में भूख से हुई मौत पर श्री राय ने कहा कि यदि सचमुच में भूख से मौत हुई होगी, तो सरकार इसे स्वीकार करेगी और अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करेगी. सिमडेगा में भूख से मामले में उन्होंने कहा कि उन्होंने तीन स्तर से इसकी जांच करायी है. केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी ने भी इसकी जांच की है. अभी तक भूख से मरने की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन इसके बाद भी यदि विपक्ष मांग करता है तो वे चाहेंगे कि किसी जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर इसकी जांच करा ली जाये. उनको इससे हिचक नहीं है.