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एड्स मरीजों को मिलेगा पंद्रह सौ प्रतिमाह

मधुबनी : बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना के अंतर्गत जिले के 3505 एड्स मरीजों को प्रतिमाह 1500 रुपये की राशि दी जायेगी. सरकार द्वारा इसके क्रियान्वयन के लिए युद्ध स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सभी एड्स पीड़ित लाभुकों से उनके बैंक खाता को एआरटी सेंटर में जमा करने की प्रक्रिया भी […]

मधुबनी : बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना के अंतर्गत जिले के 3505 एड्स मरीजों को प्रतिमाह 1500 रुपये की राशि दी जायेगी. सरकार द्वारा इसके क्रियान्वयन के लिए युद्ध स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सभी एड्स पीड़ित लाभुकों से उनके बैंक खाता को एआरटी सेंटर में जमा करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गयी है.

एचआइवी एड्स मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अक्टूबर माह तक जिले में 5237 मरीज पंजीकृत किये गये है. जिसमें 600 एड्स पीड़ित मरीजों की मृत्यु माह अक्टूबर तक हो चुकी है. बढ़ते एड्स मरीजों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक मरीज को 1500 रुपये प्रतिमाह देना सुनिश्चित किया गया है. ताकि एड्स मरीज के जीवन में खुशहाली के साथ ही स्वास्थ्य में सकारात्मक उन्नति हो सके.

एचआइवी छुआछुत रोग नहीं . एआरटी केंद्र के डाटा प्रबंधक सह जिला समन्वयक अभिषेक त्रिवेदी बताते है कि एड्स छुआछूत बीमारी नहीं है. एड्स रोगियों को सामाजिक स्तर पर किसी भी प्रकार से तिरस्कृत नहीं किया जाना चाहिए.
इसके लिए एआरटी केंद्र से संबंधित एनजीओ द्वारा भी मरीजों को सहायता पहुंचायी जा रही है.
जिले में 5237 एचआइवी संक्रमित मरीज हैं पंजीकृत
बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना के तहत उपलब्ध होगी राशि
सूबे में 40 हजार 754 एचआइवी के हैं मरीज
व्यवसाय के लिए मिलेगा 30 हजार रुपया
एचआइवी एड्स से ग्रसित मजदूर वर्ग के मरीजों को स्वरोजगार के लिए श्रम विभाग द्वारा कामगार योजना के तहत 30 हजार रुपये की राशि मुहैया करायी जाती है. ताकि मरीज अपने व्यवसाय से अपने जीवन यापन का सही ढ़ंग से क्रियान्वयन कर सके.
सैकड़ों मरीज नहीं पहुंच रहे एआरटी केंद्र
एआरटी सेंटर में 5237 मरीज पंजीकृत है. जिसमें 600 मरीज की अब तक मृत्यु हो चुकी है. वहीं लगभग 1000 मरीज ऐसे है जो एआरटी सेंटर में पंजीकृत है. लेकिन, दवा के लिए नहीं आते है. इसके लिए एआरटी केंद्र से संबंधित एनजीओ को पंजीकृत मरीजों के घर भेजा जा रहा है.
दवा लेने के लिए केंद्र पर उपलब्ध होकर दवा का उठाव कर सके.
सीडी-4 की बाध्यता खत्म
अब तक डब्लूएचओ के मार्गदर्शन के आधार पर एचआइवी मरीजों को 350 सीडी-4 काउंट से नीचे रहने पर ही दवा शुरू किया जाता था. लेकिन, सरकार द्वारा नये दिशा-निर्देश के अनुसार सभी एचआईवी संक्रमित मरीजों व गर्भवती महिलाओं को एड्स की दवा तत्काल शुरू किया जाने लगा है. जिससे मरीजों के जीने की उम्र में इजाफा हो सकता है. सूबे में माह अक्टूबर तक 40 हजार 757 एड्स एचआइवी मरीज उपचाररत है. जिन्हें प्रत्येक एआरटी केंद्र से मुफ्त दवा उपलब्ध कराया जाता है.
2015 से शुरू हुई योजना
बिहार शताब्दी एड्स पीड़ित कल्याण योजना बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2015 से शुरू किया गया था. जिसके तहत 300 एड्स मरीज को एक माह का 1500 रुपया दिया गया. लेकिन, दो वर्ष बाद सरकार ने बढ़ते एचआइवी मरीजों की संख्या को देखते हुए इस योजना का लाभ शत प्रतिशत मरीजों को देने की कवायद जोर शोर से शुरू कर दी है. जिला समन्वयक अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि लाभुकों द्वारा अपना खाता उपलब्ध कराया जा रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो आगामी दिसंबर माह से लाभुकों के खाते में पैसा स्थानांतरित किया जा सकता है.

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