नयी दिल्लीः बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फर्जी संदेश भेजकर धोखाधड़ी का धंधा करने वाली संस्थाआें पर शिकंजा कसते हुए प्रतिबंध लगा दिया है. इन्हें प्रतिभूति बाजार में काम करने से रोका गया है. इन कंपनियों ने सुप्रीम टेक्स मार्ट लिमिटेड (एसटीएमएल) के शेयरों में कारोबार को बढ़ाने के लिए निवेशकों को फर्जी संदेश (एसएमएस) के साथ संदिग्ध सिफारिशें भेजी थी.
इसे भी पढ़ेंः काले धन के खिलाफ कार्रवाई: सेबी ने 59 इकाइयों पर प्रतिबंध लगाया
सेबी के मुताबिक, कंपनी के प्रवर्तकों, निदेशकों और उनके रिश्तेदारों समेत तीन अन्य संस्थाओं ने अपनी हिस्सेदारी के पर्याप्त हिस्से को बेचने से पहले फर्जी संदेश भेजकर घाटे में चल रही कंपनी के शेयर खरीदने की निवेशकों से सिफारिश की थी. बाजार नियामक सेबी ने एक जुलाई, 2016 से 31 जनवरी, 2017 के बीच एसटीएमएल शेयरों में हुए कारोबार की जांच करने के आदेश दिये थे.
इस जांच में खासकर कंपनी के उन शेयरों की बिक्री की जांच होगी, जिसमें संदेश भेजकर संदिग्ध सिफारिशें की गयी थी. ऐसी गतिविधियों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तत्काल कार्रवार्इ करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए बाजार नियामक ने 10 संस्थाओं को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से रोक दिया गया है.
एसटीएमएल की प्रवर्तक गोल्ड लीफ इंटरनेशनल, प्रवर्तक संजय गुप्ता और उनके बेटे गौतम गुप्ता, प्रवर्तक तथा निदेशक अजय गुप्ता और उनकी पत्नी शिखा गुप्ता, निदेशक काजल राय और कंपनी के संयुक्त खाताधारक राम लाल गुप्ता को प्रतिबंधित किया है.
नियामक ने गोल्डलीफ और छह व्यक्तियों को पहचान वाली संस्थाओं के रूप में संदर्भित किया है. इसके अतिरिक्त तीन अन्य संस्थाएं नीलेश कुमार राधेश्याम लोहाटी, मोहसिन और फ्यूचर फिनट्रेड को भी प्रतिभूति बाजार में काम करने से रोक दिया है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.