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BRO के बाद पावर ग्रिड ने लेह-लद्दाख में 11,500 फुट की ऊंचार्इ पर पूरी की ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट

नयी दिल्लीः सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की आेर से जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में मोटर वाहन चलने लायक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाने का काम पूरा करने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ने भी लेह-लद्दाख में 11,500 फुट की ऊंचाई पर ट्रांसमिशन परियोजना पूरी करने में सफलता हासिल की है. पावर […]

नयी दिल्लीः सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की आेर से जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में मोटर वाहन चलने लायक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाने का काम पूरा करने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ने भी लेह-लद्दाख में 11,500 फुट की ऊंचाई पर ट्रांसमिशन परियोजना पूरी करने में सफलता हासिल की है. पावर ग्रिड ने 220 केवी एलुसतेंग (श्रीनगर)-लेह पारेषण लाइन के 220 केवी लेह-खालस्ती लाइन खंड की परियोजना पूरी कर ली है. लेह और खालस्ती में 220/66 केवी जीआईएस सब-स्टेशन के साथ यह परियोजना पूरी की गयी है.

इसे भी पढ़ेंः दुर्गम घाटी की चुनौतियों को चीरकर बीआरआे ने लद्दाख में बनायी दुनिया की सबसे ऊंची सड़क

कंपनी के बयान के अनुसार, यह परियोजना 31 अक्तूबर 2017 पूरी हुई. यह पहला मौका है, जब 11,500 फुट की ऊंचाई पर 220 केवी वोल्टेज स्तर का सब-स्टेशन बनाया गया है. कंपनी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के कठिन भौगोलिक क्षेत्र लेह-लद्दाख में ग्रिड संपर्क उपलब्ध कराने को लेकर यह भारत सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है.

रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2014 में रखी थी. इससे लेह-लद्दाख क्षेत्र में निमो बाजगो पनबिजली परियोजना से भरोसेमंद बिजली उपलब्ध करायी जा सकेगी. इस परियोजना की क्षमता 45 मेगावाट (तीन गुना 15 मेगावाट) है.

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