बचाव. सदर अस्पताल के ओपीडी में सात सौ मरीज पंजीकृत
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बदलते मौसम में रहें सतर्क
बचाव. सदर अस्पताल के ओपीडी में सात सौ मरीज पंजीकृत मधुबनी : मौसम ने करवट बदल लिया है. ठंड की दस्तक हो चुकी है. मौसम में कभी गरमी तो कभी ठंडक है. ऐसे बदलते मौसम में लोगों के बीमार होने के मामले भी अधिक हो गये है. ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीजों में से […]
मधुबनी : मौसम ने करवट बदल लिया है. ठंड की दस्तक हो चुकी है. मौसम में कभी गरमी तो कभी ठंडक है. ऐसे बदलते मौसम में लोगों के बीमार होने के मामले भी अधिक हो गये है. ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीजों में से सर्दी खांसी, बुखार के पीड़ित हैं. खासकर बच्चों व बुजुर्गों में वर्तमान बदलते मौसम को लेकर अधिक सावधान बरते जाने की जरूरत है.
मंगलवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी. ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सोमवार को करीब 700 मरीज पंजीकृत किया गया. मेल ओपीडी में 180 मरीजों का उपचार किया गया. जिसमें अधिकांश मरीज सर्दी, खांसी, बुखार, सर दर्द, पेट दर्द से संबंधित थे. ओपीडी के शिशु रोग में डाॅ. अजय कुमार चौधरी द्वारा 100 बच्चों का उपचार किया गया. डाॅ. चौधरी बताते है कि बच्चों में भी अधिकांश मरीज सर्दी, खासी व सुखार से पीड़ित होते है. सर्जिकल ओपीडी में डाॅ. एसके झा द्वारा 86 मरीजों का उपचार किया गया. जबकि स्कीन ओपीडी में डाॅ. एसएससी राय द्वारा 70 मरीजों का उपचार किया गया.
सदर अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. एन एन झा बताते हैं कि सुबह की सैर करने वालों को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. स्वस्थ्य रहने के लिये शारीरिक मेहनत अधिक करना चाहिये. हालांक दमे के मरीज व रक्तचाप वाले मरीज को मेहनत से बचना होगा. वहीं बच्चों को सूर्योदय के बाद ही घर से बाहर निकालना चाहिये.
बचाव एवं उपाय
डाॅ. विनोद कुमार झा बताते हैं कि वातावरण दुषित होने के कारण लोगों को फेशियल मास्क, मच्छरदानी, व मच्छर से बचाव के लिए उपलब्ध क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए. अपने घर के अगल- बगल पानी का जमाव न होने दें. पानी को उवाल कर ही सेवन करें. एलर्जी के लिए सेट्रीजीन व बुखार आने पर पारासिटामोल का उपयोग करें. तथा चिकित्सक से अवश्य सलाह ले.
मच्छरदानी व फेशियल मास्क हो सकता है विकल्प
बदलते मौसम के साथ ही वातावरण में पर्व के तुरंत बाद प्रदूषण भी अधिक फैल जाता है. जिससे लोगों को कई बिमारियों से दो- चार होना पड़ता है. ऐसे में लोगों को फेशियल मास्क, मास्क्युटों रिपेलेंटव मास्क्युटो नेट का उपयोग करना चाहिए. ताकि मौसम में बदलाव के साथ वायरल इंफेक्शन से बचा जा सके. उक्त बातें सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. विनोद कुमार झा ने बताया. डाॅ. झा बतलाते है, कि दिपावली व छठ पर्व के समय पटाखा व दीप से निकलने वाला धुंआ वातावरण फैल जाता है. जिसके कारण वायरल इंफेक्शन की संभावना प्रवल हो जाता है. लोग, सर्दी, खांसी, छींक,इंफ्लुऐंजा, डेंगु व चिकन गुनिया जैसे बिमारी के भी शिकार हो सकते है. इसके अलावा मच्छरों का प्रकोप भी इस मौसम में ज्यादा होता है. जिससे मच्छर जनित रोग, कलाजार व मलेरिया जैसी बिमारी की भी संभावना बढ जाती है.
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