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अपने मुखपत्र ”सामना” में शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर फडनवीस पर साधा निशाना

मुंबई : महाराष्ट्र की देवेंद्र फडनवीस सरकार के मंगलवारको तीन वर्ष पूरे होने पर अक्सर नाराज रहनेवाले उसके सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि उसने फडनवीस का इस पद के लिए बड़े दिल से समर्थन किया था, लेकिन अगर लोग यह सोचते हैं कि उनकी जगह खटमल भी होते तो चल जाता तो इसके लिए […]

मुंबई : महाराष्ट्र की देवेंद्र फडनवीस सरकार के मंगलवारको तीन वर्ष पूरे होने पर अक्सर नाराज रहनेवाले उसके सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि उसने फडनवीस का इस पद के लिए बड़े दिल से समर्थन किया था, लेकिन अगर लोग यह सोचते हैं कि उनकी जगह खटमल भी होते तो चल जाता तो इसके लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.

फडनवीस ने भाजपा के लंबे समय से सहयोगी दल शिवसेना पर सोमवार को निशाना साधते हुए कहा था कि शिवसेना को यह पता होना चाहिए कि वह सत्तारूढ़ दल और विपक्ष की भूमिका साथ-साथ नहीं निभा सकती है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है, हमने राज्य में विकास और अच्छे दिन के लिए मुख्यमंत्री पद पर आपका बड़े दिल से समर्थन किया था. लेकिन, अगर लोग सोचते हैं कि खटमल भी आपसे बेहतर काम कर लेते तो इसके लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है.

सामना में फडनवीस पर अपने सहयोगी दल के बारे में झूठ बोलने का आरोप भी लगाया गया है. संपादकीय में कहा गया है, एक भी विकास कार्य नहीं किया गया और आप शिवसेना के खिलाफ सफेद झूठ बोल रहे हैं. इसमें कहा गया है कि राज्य के लोग खुश नहीं है और सत्ता में बैठे लोगों पर विश्वास नहीं करते. संपादकीय में कहा गया है, मुख्यमंत्री कहते हैं कि शिवसेना विकास की राह में रोड़े अटकाती है. अगर यह सच है तो मुख्यमंत्री होने के नाते वह क्या कर रहे हैं? उन्हें ऐसे किसी भी शख्स को बख्शना नहीं चाहिए जो विकास को बाधित करता है. मुखपत्र में कहा गया है कि सत्ता का इस्तेमाल राजनीति के बजाय जन कल्याण के लिए ज्यादा होना चाहिए.

शिवसेना के मुखपत्र में विधानसभा चुनावों के बाद स्पष्ट बहुमत ना मिलने पर शरद पवार की राकांपा द्वारा समर्थन देने को लेकर फडनवीस पर चुटकी ली गयी. इसमें कहा गया है, कल चुनावों के दौरान कौन आपके साथ होगा, इसका फैसला आपको करना है. अगर शिवसेना आपके साथ नहीं है तो आपने पहले ही उन लोगों का समर्थन लेने का फैसला कर लिया है जो सिंचाई घोटाले के आरोपी हैं. गौरतलब है कि राकांपा के कुछ नेता भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जांच का सामना कर रहे हैं.

राज्य विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत ना मिलने के बाद राकांपा ने फडनवीस सरकार को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की थी. शिवसेना ने कहा कि क्या अपने उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और फसल कर्ज माफी की मांग कर रहे किसानों के आंदोलन के दौरान उनके साथ खड़े होना उसका गुनाह था. संपादकीय में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कौशल विकास, रोजगार सृजन, विदेशी निवेश, शिक्षा, महिला और बाल विकास तथा कानून एवं व्यवस्था के क्षेत्रों में किये जा रहे महत्वपूर्ण काम के बारे में बात करते हैं. अगर पिछले तीन साल में ये काम किये गये हैं तो वह कैसे कह सकते हैं कि शिवसेना विकास की राह में रोड़े अटकाती है.

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