पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरा जहरीली शराब कांड मामले के आरोपी और जदयू से निष्कासित नेता प्रकाश कुमार सिंह उर्फ राकेश सिंह के साथ वायरल हुई तस्वीर पर आज स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्हें उनके बारे में जानकारी नहीं थी.
राकेश सिंह को शराब का अवैध कारोबार एवं सेवन करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है.नीतीश कुमार ने गत 29 अक्टूबर को भोजपुर जिले के आयर थाना अंतर्गत बरनांव गांव निवासी पूर्व प्रधानाध्यापक हरींद्र सिंह के अपने पुत्र की शादी के लिए लड़की वालों की तरफ से दियेगये दहेज की राशि को वधू पक्ष को लौटा दिये जाने पर उनसे अपने आवास पर मुलाकात के दौरान उस जिले में 2012 में हुए जहरीली शराब से लोगों की मौत होने के मामले के आरोपी राकेश की उपस्थिति और उनके साथ वायरल हुई तस्वीर पर सफाई देते हुए कहा कि उन्हें उनके बारे में जानकारी नहीं थी.
इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने जदयू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर शराब का अवैध धंधा करने और इसके जरिये पार्टी के लिए फंडिंग करने का आरोप लगाते हुए नीतीशकुमार से पूछा कि ऐसा करने वाले उनके दल के कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. उन्होंने पूछा, मुख्यमंत्री आरा जहरीली शराबकांड के आरोपी राकेश सिंह को अपने आवास बुलाकर सम्मानित करते हैं, क्यों. तेजस्वी ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री आवास पर बिना जांच पड़ताल के किसी अपराधी (शराब कांड के आरोपी) को प्रवेश पाने की अनुमति इतनी आसानी से कैसे मिल गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन से हटने के बाद नीतीश जी का शराबबंदी कागजों पर ही रह गया है.
तेजस्वी ने जदयू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के शराब के अवैध धंधे में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होती क्योंकि उन्हें सीधे नीतीश जी का संरक्षण प्राप्त होता है. यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने राकेश के बारे में उन्हें मालूम नहीं होने की बात करते हुए कहा कि उक्त तस्वीर के वायरल होने पर जब इस बारे में अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से उन्होंने पूछा तो उनके साथ-साथ भोजपुर के पार्टी जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा ने भी इसको लेकर अनभिज्ञता जाहिर की क्योंकि पार्टी की सदस्यता के आधार पर उक्त व्यक्ति अध्यक्ष निर्वाचित हुआ था.
इससे पूर्व जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि शराब का अवैध कारोबार एवं सेवन करने के आरोप में राकेश सिंह की तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता को रद्द करते हुए उन्हें जदयू से निष्कासित कर दिया गया है. उन्होंने कहा, शराबबंदी हमारी पार्टी का संकल्प है और इसके खिलाफ हम अभियान चला रहे हैं. ये पद से भी हटा दिए गये हैं. उनके आरोपित होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसमें कोई भी संलिप्त होगा तो उसकी पार्टी में कोई जगह नहीं है.