19.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

किरणचंद्र श्मशान घाट बना खास मुद्दा

सिलीगुड़ी. कहते हैं खरीदना या किसी भी चीज का निर्माण कराना बड़ी बात नहीं, बल्कि उसे संभाल कर रखना बड़ी बात है. सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर एक स्थित किरणचंद्र श्मशान घाट पर शौचालय का निर्माण से अधिक उसकी सुरक्षा निगम के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. विरोधी दलों ने शौचालय की […]

सिलीगुड़ी. कहते हैं खरीदना या किसी भी चीज का निर्माण कराना बड़ी बात नहीं, बल्कि उसे संभाल कर रखना बड़ी बात है. सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर एक स्थित किरणचंद्र श्मशान घाट पर शौचालय का निर्माण से अधिक उसकी सुरक्षा निगम के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. विरोधी दलों ने शौचालय की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने का प्रस्ताव मेयर को दिया है. आगामी दिनों में इस बात पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा.
किरणचंद्र श्मशान सिलीगुड़ी शहर में एकमात्र विद्युत विद्युत शवदाह सिस्टम वाला श्मशान घाट है. ऐसे शहर में मुख्य रूप से दो श्मशान घाट हैं. 5 नंबर वार्ड में राम घाट है जहां लकड़ी से शवदाह की व्यवस्था है. रिकार्ड के मुताबिक किरणचंद्र श्मशान घाट पर रोजाना करीब दस शवों का दाह किया जाता है. एक शव के दाह संस्कार के लिए करीब 50 से अधिक परिजन पहुंचते हैं. दाहकर्म में भी करीब तीन से चार घंटे का समय लगता है. उस दौरान शौचालय आदि जाने की समुचित व्यवस्था किरणचंद्र श्मशान घाट पर नहीं है. निगम की ओर से वहां शौचालय का निर्माण हुआ है, लेकिन उसकी स्थिति बदतर है. उस शौचालय में गंदगी का अंबार हमेशा लगा रहता है. शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है. निगम का कहना है कि स्थानीय लोग ही श्मशान की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है. शौचालय में लगे नल, पाइप, बेसिन आदि उखाड़ ले जाते हैं. सोमवार को निगम की बोर्ड बैठक में विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने इस समस्या के समाधान के लिए शौचालय की सुरक्षा में गार्ड नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है.
आज की बोर्ड बैठक में किरणचंद्र श्मशान घाट की व्यवस्था पर काफी घमासान हुआ. तृणमूल कांग्रेस पार्षद नांटू पाल ने इस संबंध में निगम पर कई सवाल दागे. उन्होंने कहा कि एक साथ दोनों चूल्हे खराब होने के बाद भी निगम की ओर से लकड़ी की व्यवस्था नहीं की गयी. जिसकी वजह से गरीब लोगों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ा है. जबकि शौचालय, दाहकर्म से पहले परंपरागत कुछ प्रक्रियाओं के लिए एक चबुतरा, पेयजल की व्यवस्था आदि की स्थायी समस्या है. जिसके लिए सिलीगुड़ी के पूर्व तृणमूल विधायक डा. रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने 9 लाख रूपये दिये थे. इसके बाद भी निगम इन समस्याओं को समाप्त नहीं करा पायी है. शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था में सुरक्षा आड़े आ रही है तो निगम के खर्च पर गार्ड नियुक्त किया जाना चाहिए. श्री पाल ने इसके साथ ही चूल्हा खराब होने के दौरान लकड़ी पर शवदाह करने वाले परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की.
लकड़ी से शवदाह की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग
17 अक्तू्बर को किरणचंद्र श्मशान घाट में दोनों विद्युत चूल्हे अचानक खराब हो गये थे. जिसकी वजह से करीब दस दिनों तक यहां शवदाह का काम बंद रहा. इसकी वजह से सिलीगुड़ी वासियों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ा. जहां विद्युत चूल्हे में शवदाह के लिए 700 रूपए खर्च पड़ता था वहीं दस हजार रूपए खर्च कर लकड़ी पर शवदाह करने पर मजबूर हुए. वर्षों पहले किरणचंद्र श्मशान घाट पर दो विद्युत चूल्हे लगाये गये थे. पहले दोनों जलते थे बाद में एक को स्टैंडबाय के रूप में उपयोग किया जाने लगा. आमलोगों का कहना है मशीनरी कभी भी खराब हो सकती है, इसके लिए किरणचंद्र शमसान घाट पर भी लकड़ी पर दाहकर्म करने की वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए, जो कि नहीं है. जबकि कई बार लकड़ी की व्यवस्था करने की मांग उठ चुकी है.
क्या कहा डिप्टी मेयर ने
इस संबंध में सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर रामभजन महतो ने सफाई पेश करते हुए कहा कि क्षमता से अधिक शवो का दाह निरंतर होने की वजह से विद्युत चूल्हे खराब हो गए. कोलकाता से इंजीनियर व पार्टस मंगाकर ठीक करा दिया गया है. जहां तक शौचालय, पेयजल व अन्य जरूरी निर्माण का प्रश्न है तो उसके लिए स्थानीय लोग ही जिम्मेदार हैं. शौचालय की साफ-सफाई करने के दो दिन बाद ही उसकी स्थिति जस की तस दिखती है. स्थानीय कुछ लोग नल, टेप, पाइप व अन्य सामान खोल कर ले जाते हैं या नष्ट कर देते हैं. शौचालय की सुरक्षा में गार्ड नियुक्त करने के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा. मुआवजे के संबंध में श्री महतो ने कहा कि विद्युत चूल्हा खराब रहने के दौरान लकड़ी पर दाहकर्म करने वाले परिवार वालों से कोई मांग आती है तो निगम की ओर से दो हजार रूपए दिये जायेंगे.
शहर में महात्मा गांधी व कार्ल मार्क्स की लगेगी मूर्ति
सिलीगुड़ी नगर निगम ने शहर के दो विभिन्न इलाको में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व विश्व के महा नदार्शनिक व अर्थशास्त्री कार्ल मार्क्स की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है. हांलाकि मासिक बोर्ड बैठक में कार्ल मार्क्स की प्रतिमा लगाने को लेकर सहमति नहीं बनी है. निगम की विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने कार्ल मार्क्स की प्रतिमा स्थापित करने पर विवाद खड़ा किया है. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और विश्व विख्यात दार्शनिक कार्ल मार्क्स के जन्म का दो सौ वर्ष पूरा हो रहा है. इसी अवसर पर सिलीगुड़ी नगर निगम की माकपा बोर्ड ने शहर के दो भिन्न इलाकों में दोनों की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है.

सोमवार की मासिक बोर्ड बैठक में इस निर्णय पर अधिक बहस नहीं हुयी. बल्कि मेयर परिषद सदस्यों की बैठक में लिए गये निर्णय को देखकर विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने विरोध जताया. बोर्ड सभा में पेश मेयर परिषद सदस्य निर्णय पत्रिका के शिक्षा व संस्कृति विभाग के पन्ने में यह निर्णय लिया गया है. इसमें कहा गया है महात्मा गांधी और कार्ल मार्क्स के जन्मदिन को दो सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में दोनों की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. इसे पढ़कर विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने मासिक बोर्ड सभा के अंतिम पड़ाव में विरोध जताया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी देश के राष्ट्रपिता है और कार्ल-मार्क्स विश्व के महान दार्शनिक है. इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन कार्ल-मार्क्स के अलावा हमारे ही देश में कई महान हस्ती हैं.

कई ऐसे भी स्वतंत्रा सेनानी है जिनका नाम इतिहास के पन्नो में छूट गया है. स्वतंत्रा लड़ाई के कुछ ऐसे भी महानायक हैं जिनके नाम से आज की पीढ़ी अनजान है. महान हस्तियों की तालिका में शामिल कईयों की प्रतिमा शहर में नहीं है. इन सब की प्रतिमा न लगाकर कार्ल मार्क्स की प्रतिमा स्थापित करने का कोई औचित्य नहीं बनता है. श्री सरकार ने कहा कि वे गांधीजी और कार्ल मार्क्स की प्रतिमा स्थापित करने का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि अन्य महानायकों को नजरअंदाज करने का विरोध कर रहे हैं. यहां उल्लेखनीय है कि सीपीआइएम कार्लमार्क्स के विचारों को आदर्श मानती आयी है. मुख्यत: इसी वजह से तृणमूल कांग्रेस शहर में कार्ल मार्क्स की प्रतिमा स्थापित करने का विरोध कर रही है.

इस संबंध में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि कार्ल-मार्क्स आज भी विश्व के श्रेष्ठ दार्शनिक, राजनीतिज्ञ व अर्थशास्त्री माने जाते हैं. उनके द्वारा लिखी हुयी पुस्तकें आज भी विश्व में सर्वाधिक बिकती है. एक ऐसी हस्ती के जन्म दिवस का दो सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर निगम ने शहर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है. इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. हांलाकि यह विरोध भाजपा जैसी पार्टी करती तो समझ में आता, क्योंकि भाजपा हमेशा से ही कार्ल-मार्क्स के विचारों का विरोध करती रही है. लेकिन तृणमूल से कार्ल-मार्क्स का विरोध शोभनीय नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें