जलापूर्ति का पेच. फंस सकता उल्टा पुल ध्वस्त होने का मामला
कहलगांव : शहर स्थित आरओबी-127 (उल्टा पुल) को पांच नवंबर को ध्वस्त करने की योजना शहर में कायम जल संकट के पेच में फंस सकता है. रेलवे व पीएचइडी के इंजीनियरों के लगातार प्रयास के बाद भी शहरी जलापूर्ति दुरूस्त करने के सारे उपाय फेल साबित हो रहे हैं. चूंकि उल्टा पुल होकर पीएचइडी की मेन पाइपलाइन गुजरी है. रेलवे द्वारा वैकल्पिक पाइपलाइन अंडरब्रिज होकर बसस्टैंड से शारदा पाठशाला तक बिछाने का काम करा दिया है, लेकिन ट्रायल में नगर की आधी आबादी को भी पानी नहीं मिल पा रहा है.
ट्रायल में कई वार्डों में नहीं पहुंचा पानी : शनिवार की सुबह नयी पाइपलाइन के जरिये दो टंकी में पानी स्टोर कर ट्रायल लिया गया. फिर टंकी और नयी पाइपलाइन से शहर के विभिन्न वार्डों में पानी छोड़ा गया, लेकिन ज्यादातर जगहों पर पानी नहीं पहुंच पाया.
पदाधिकारियों ने किया मंथन : जानकारी के अनुसार इस बड़ी समस्या को लेकर एसडीओ अरुणाभ चंद्र वर्मा, पीएचइडी के सहायक अभियंता विकास कुमार, बीडीओ आरएल निगम, रेलवे के अभियंता, पीएचइडी के कनीय अभियंता अबोध कुमार, विधायक प्रतिनिधि प्रवीण राणा ने विचार-विमर्श किया है.
काफी प्रयास के पर भी नहीं दूर हो रहा जलसंकट
कहते हैं रेलवे के अधिकारी
रेलवे के अधिकारी ने बताया कि उल्टा पुल ध्वस्त करने का मामला रेल मंत्रालय के संज्ञान में है. रेलवे इसमें विलंब के पक्ष में नहीं है. पुल टूटने के बाद उत्पन्न होने वाली समस्या के बारे में रेल मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है.
कहते हैं पीएचइडी अभियंता
पीएचइडी के सहायक अभियंता विकास कुमार ने बताया कि ट्रायल के दौरान वार्ड 01 से 07 तक घरों में पानी नहीं पहुंच पाया. उन्होंने कहा कि गैरकानूनी रूप से वाटर मोटर से पानी खींचने के कारण पाइप में प्रेशर का नहीं बन पा रहा है. रविवार को भी ट्रायल लिया जायेगा. अगर शहर की पूरे शहर में जलापूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पाती है, तो ऐसी स्थिति में पीएचइडी से रेलवे को पुल ध्वस्त करने के लिए हरी झंडी देने में परेशानी होगी. इस समस्या से डीएम व कहलगांव एसडीओ को अवगत करा दिया है.
शहर में बोरिंग की जरूरत
कुछ जानकारों का कहना है कि पेयजल की समस्या से निबटने के लिए शहर में ही बोरिंग कराने की जरूरत है. यह उपाय ही आखिरी विकल्प हो सकता है.