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राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, कोर्ट के फैसलों को सरल भाषा में पेश करना चाहिए
कोच्चि : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णयों को वादियों के लिए उस भाषा में समझने योग्य बनाये जाने की जरुरत है जिसे वे जानते है और उन्होंने निर्णयों की प्रमाणित अनुवादित प्रतियां जारी करने के लिए एक व्यवस्था बनाये जाने का सुझाव दिया. राष्ट्रपति ने मामलों के तीव्र निस्तारण […]
कोच्चि : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णयों को वादियों के लिए उस भाषा में समझने योग्य बनाये जाने की जरुरत है जिसे वे जानते है और उन्होंने निर्णयों की प्रमाणित अनुवादित प्रतियां जारी करने के लिए एक व्यवस्था बनाये जाने का सुझाव दिया.
राष्ट्रपति ने मामलों के तीव्र निस्तारण की भी वकालत की क्योंकि न्याय में देरी होने से समाज में सबसे गरीब और सबसे वंचित पीडति हो रहे है. केरल उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, हमारे देश में निर्णय देने में विलंब होना चिंता की बात है.
हमारे समाज में सबसे गरीब और सबसे वंचित लोग न्याय में देरी के पीडतिों में शामिल है. हमे मामलों के जल्द निस्तारण को सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र बनाये जाने की जरुरत है. इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और कई न्यायाधीश भी शामिल हुए. राष्ट्रपति ने कहा, अदालत की कार्यवाही को लम्बा खींचने की रणनीति के बजाय हम सभी उस दृष्टिकोण पर विचार कर सकते है जिसमे एक आपात स्थिति में स्थगन को अपवाद बनाया जा सके.
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