वाराणसी : ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. वाराणसी के मणिकर्णिकाघाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गयी. उनके नाती अरिन्दम दत्ता ने मुखाग्नि दी. अप्पाजी के नाम से ख्यात संगीत साधिका गिरिजा देवी का मंगलवार की रात कोलकाता में ह्रदय गति रक जाने से निधन हो गया था. गिरिजा देवी का पार्थिव शरीर 26 अक्तूबर को कोलकाता से हवाई यान से वाराणसी लाया गया। अंतिम संस्कार से पूर्व गिरिजा देवी का पार्थिव शरीर काशीवासियों के दर्शनार्थ उनके संजय नगर कालोनी स्थित आवास के सामने वाले पार्क में रखा गया था.
आयुक्त नितिन रमेश गोकर्ण, एडीजी जोन वी महापात्रा, आईजी रेंज दीपक रतन, जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा, एसएसपी आरके भारद्वाज समेत सभी दलों को नेताओं ने पुष्प अर्पित की. इसके बाद जब गिरिजा देवी को पार्थिव शरीर को मणिकर्णिका घाट पर ले जाया जाने लगा तब कुछ पल के लिए खामोशी छा गयी. उनकी शिष्या मालिनी अवस्थी, सुनंदा शर्मा और रीता देव ने अंतिम यात्रा से पहले बाबुल मोरा, नैहर छूटो ही जाए… ठुमरी गाकर विदाई दी.
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