नयी दिल्ली : गुजरात में विधानसभा चुनावों का एलान हो गया है. इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने चुनाव जीतने के दावे करने शुरू कर दिये हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन चौथाई बहुमत के साथ फिर सत्ता में लौटेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा 150 सीटें जीतकर गुजरात की सत्ता पर फिर से काबिज होगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. गुजरात के तीन लड़कों के बारे में पूछे जाने पर श्री रूपानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो लड़के मिलकर कांग्रेस का कुछ नहीं बिगाड़ पाये. गुजरात में तीन लड़के क्या बिगाड़ेगी?
बज गया गुजरात का चुनावी बिगुल: दो चरणों में 9 और 14 दिसंबर को चुनाव, गिनती 18 दिसंबर को
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन युवा के सहारे चुनाव लड़ना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन युवा नेताओं की पिछलग्गू पार्टी बनकर रह गयी है. उन्होंने कहा कि सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी के पास अपना कोई नेता नहीं है. वह युवा नेताओं के सहारे गुजरात जीतना चाहती है. इसमें वह कभी सफल नहीं होगी.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इस महत्वपूर्ण राज्य में 182 सीटों पर दो चरणों में मतदान होंगे.वोटिंग9 और 14 दिसंबर को होंगे और 18 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात में भी मतगणना होगी. चुनाव आयोग ने पहली बार गुजरात जैसे बड़े राज्य में सभी बूथों पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
गुजरात चुनाव : जानिए हार जीत का गणित और प्रमुख चुनावी मुद्दे
गुजरात विधानसभा का यह चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. कांग्रेस के लिए तो एक तरह से यह जीवन और मरण का सवाल है, क्योंकि गुजरात और हिमाचल के चुनाव परिणाम ही कांग्रेस के उपाध्यक्ष और भावी अध्यक्ष राहुल गांधी का भविष्य तय करेंगे. गुजरात में यदि कांग्रेस जीती तो राहुल गांधीकी नेतृत्व क्षमता पर उठ रहे सवालों पर विराम तो लगेगा ही, विपक्षी दलों को संजीवनी भी मिल जायेगी.
उधर, नरेंद्र मोदी की गैरमौजूदगी में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनावों में यदि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हारी, तो विरोधी दल सरकार के नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के फैसले को गलत बताना शुरू कर देगी. इतना ही नहीं, सरकार की नीतियों के विरोध को भी जायज ठहरायेंगे.