विगत कई महीनों से बिजली मीटर रीडरों के द्वारा आम जनता को अनाप-सनाप बातों में उलझा कर मनमाने ढंग से बिजली का बिल दिया जा रहा है.
दरअसल बात यह है कि जिस व्यक्ति का मीटर नियमित रूप से चल रहा है, उसको भी मार्च 2017 के बाद से पुराने रीडिंग को ही आधार मानकर कभी 90 रुपये तो कभी 50 रुपये करके दिया जा रहा है, जिसके तहत किसी का बिजली बिल अचानक 18,000 से 20,000 रुपये तक आ रहा है. ऐसी परिस्थिति में लोगों को अचानक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है. अत: सरकार और बिजली विभाग के पदाधिकारियों से आग्रह है कि वे इस पर ध्यान दें और ऐसी मनमानी करनेवालों पर रोक लगाने के लिए उचित कार्रवाई करें.
महाबीर साहू, हटिया, इमेल से