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गर्मी की छुट्टी में भी बच्चों को खिला दिया एमडीएम

धांधली. ब्रह्मपुर प्रखंड में 16 लाख का दिखाया गया चावल का उठाव निदेशक के आदेश के बाद भी अब तक जांच नहीं हुई शुरू अनदेखी का फायदा उठा रहे पदाधिकारी, कर्मी और संवेदक बक्सर : शिक्षा विभाग को अब लोक लाज का डर नहीं रह गया है. एमडीएम में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. राजपुर […]

धांधली. ब्रह्मपुर प्रखंड में 16 लाख का दिखाया गया चावल का उठाव

निदेशक के आदेश के बाद भी अब तक जांच नहीं हुई शुरू
अनदेखी का फायदा उठा रहे पदाधिकारी, कर्मी और संवेदक
बक्सर : शिक्षा विभाग को अब लोक लाज का डर नहीं रह गया है. एमडीएम में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. राजपुर प्रखंड के बाद अब ब्रह्मपुर प्रखंड में भी एमडीएम में घपला का मामला सामने आया है. गर्मी की छुट्टी और हड़ताल में भी ब्रह्मपुर प्रखंड के विद्यालयों में बच्चों को 16 लाख का खाना खिलाया गया है. यह हम नहीं कह रहे हैं निदेशक द्वारा दिये गये रिपोर्ट में यह राशि दिखाई गयी है. निदेशक के जांच के आदेश देने के बाद भी जिला प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जिसका फायदा पदाधिकारी, कर्मी, प्रधानाध्यापक तथा संवेदक उठा रहे हैं. ये कहना कहीं से गलत नहीं होगा कि बच्चों का निवाला दूसरों की जेब में चला गया.
गर्मी की छुट्टी और हड़ताल के दौरान एमडीएम के लिए 127 विद्यालयों में 1021 क्विंटल चावल का वितरण विभाग द्वारा किया गया है. मामला वर्ष 2015 से जुड़ा हुआ है. ऐसे में जांच नहीं होना प्रशासनिक लापरवाही को बताता है. कार्रवाई नहीं होने से इनका मनोबल बढ़ते जा रहा है.
इन विद्यालयों में सबसे ज्यादा चावल का हुआ उठाव : ब्रह्मपुर प्रखंड में गर्मी की छुट्टी और हड़ताल के दिनों में नियम कानून को ताक पर रखकर ब्रह्मपुर के मध्य विद्यालय बगेन में 33 क्विंटल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाघी में 17 क्विंटल, मध्य विद्यालय बराढ़ी में 18 क्विंटल, मध्य विद्यालय भादा में 12 क्विंटल, मध्य विद्यालय भदवर में 13 क्विंटल, सपही मध्य विद्यालय में 14 क्विंटल, मध्य विद्यालय पांडेयपुर में 11 क्विंटल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 17 क्विंटल, कन्या मध्य विद्यालय ब्रह्मपुर में 16 क्विंटल, मध्य विद्यालय देवकुली में 25 क्विंटल,
उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय गायघाट में 18 क्विंटल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गायघाट में 12 क्विंटल, मध्य विद्यालय चकनी में 25 क्विंटल, मध्य विद्यालय कांट में 11 क्विंटल, मध्य विद्यालय कैथी में 11 क्विंटल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय विशुपुर में 16 क्विंटल, मध्य विद्यालय चंद्रपुरा में 20 क्विंटल, मध्य विद्यालय गहरथा कला में 19 क्विंटल,मध्य विद्यालय निमेज में 12 क्विंटल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय निमेज में 13 क्विंटल, बड़की नैनीजोर में 27 क्विंटल, मध्य विद्यालय ढाबी में 15 क्विंटल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय महादेव सिंह के टोला 22 क्विंटल, मध्य विद्यालय पोखरहा में 14 क्विंटल, राजपुर में 16 क्विंटल, मध्य विद्यालय छोटकी नैनीजोर में 21 क्विंटल, गरहथा खुर्द में 15 क्विंटल.
जांच न होना उठा रहा है सवाल : मध्याह्न भोजन में करोड़ों रुपये का घोटाला होने के बावजूद जांच नहीं होना प्रशासन के कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है. आखिर इसकी जांच कब की जायेगी. बच्चों के निवालों को हड़प कर अपना जेब भरनेवाले क्या इसी तरह घूमते रहेंगे. प्रशासन को इस पर शीघ्र कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं घटित हों.
आदेश के बावजूद अब तक जांच शुरू नहीं हुई
निदेशक के आदेश के बाद जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने जांच का जिम्मा डीडीसी एवं डीएसओ को दिया है. डीएम ने स्पष्ट कहा था कि जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट को सौंपेंगे लेकिन सच्चाई यह है कि अब तक इसकी जांच ही शुरू नहीं हो पायी है.
शिशिर कुमार मिश्रा, डीएसओ, बक्सर

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