रांची: चेंबर एवं वाणिज्यकर विभाग के तत्वावधान में सोमवार को जीएसटी पर कार्यशाला हुई. इसमें व्यापार व उद्योग जगत के समक्ष जीएसटी से होनेवाली परेशानी व समाधान पर चर्चा हुई. वाणिज्यकर विभाग के आयुक्त केके खंडेलवाल ने कहा कि हाल के दिनों में सॉफ्टवेयर से कुछ परेशानी जरूर हो रही है, लेकिन उसे ठीक करने का प्रयास चल रहा है. बड़ा बदलाव है, इसलिए प्रारंभ में व्यवसायियों को कुछ परेशानी हो रही है. धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर की समस्या का समाधान किया जा रहा है. समस्या से निजात पाने के लिए टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया है.
श्री खंडेलवाल ने कहा कि ऑपरेटर्स को भी प्रशिक्षण दिया गया है. ज्यादा परेशानी होने पर केंद्र के विभागीय अधिकारियों से भी संपर्क किया जा सकता है. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए विज्ञापन निकाला जा रहा है, ताकि वह शिकायत कर सकेें. स्क्रीनिंग कमेटी का गठन हो चुका है. कार्यशाला में व्यापारियों ने अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं भी रखीं. व्यवसायी विकास सिंह ने कहा कि जीएसटी के तहत सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है. विभागीय अधिकारी व्यवसायियों से फोन पर इनवाइस अथवा अन्य जानकारी लेना चाहें, तो क्या यह सही है. इस पर विभागीय आयुक्त ने कहा कि विभागीय अधिकारी फोन पर सिर्फ यही जानकारी ले रहे हैं कि इनवायस काट रहे हैं या नहीं. रिटर्न समय पर भरे या नहीं. कुछ गलत होने पर संज्ञान में लायें, कार्रवाई होगी. कार्यशाला में चेंबर अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया, उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल, महासचिव कुणाल अजमानी, कोषाध्यक्ष राहुल मारू, गोपाल तिवारी, आरपी वर्णवाल, राजेश टोप्पो, प्रवीण लोहिया, पंकज पोद्दार, पूनम आनंद, विकास सिंह, विनय अग्रवाल, ज्योति पोद्दार, शंभु गुप्ता, संजय जौहर,परेश गट्टानी, संजय अखौरी, किशन अग्रवाल, दिलवीर सिंह, नवजोत अलंग, शशांक भारद्वाज आदि उपस्थित थे.
प्रोजेक्ट भवन में जीएसटीआर-टू पर कार्यशाला आज : चेंबर उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि व्यवसायियों की सुविधा के लिए चेंबर भवन में कल से एक घंटा का हेल्प डेस्क रोजाना लगाया जायेगा. इसके तहत व्यापारी अपनी समस्याओं का समाधान करा सकते हैं. मंगलवार को विभाग द्वारा प्रोजेक्ट भवन में दोपहर ढाई बजे से जीएसटीआर-टू पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है.
अब तक नहीं लगा था कपड़े पर टैक्स : व्यवसायी प्रवीण लोहिया ने कहा कि अभी तक कपड़े पर पर कभी भी टैक्स नहीं था. उत्पादन पर एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगती थी, लेकिन अब कपड़े व साड़ी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है. व्यवसायियों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है, लेकिन शुरू से टैक्स की परिधि से बाहर होने के कारण कपड़ा व्यवसायियों में सेल्स टैक्स का अनुभव नहीं है. डेढ़ करोड़ से कम व्यापार करनेवालों को जीएसटी रिटर्न त्रैमासिक भरना है. उसी प्रकार कपड़ा व्यापार में भी तीन महीने में रिटर्न भरने की सुविधा प्रदान की जाये. इस पर श्री खंडेलवाल ने व्यवसायियों को आश्वासन दिया.
क्या कहा व्यवसायियों ने
व्यवसायी अजय रूंगटा ने कहा कि सर्वर की समस्या के कारण डीएससी से अपलोड करने में परेशानी होती है. इस पर अधिकारियों ने कहा कि डीएससी को री-रजिस्टर्ड करायें. इसके अलावा एचएसएन कोड में एमेंड नहीं होने व वेबसाइट में दिये गये टॉल फ्री नंबर का हमेशा व्यस्त रहने की भी शिकायत की गयी. इस पर अधिकारियों ने कहा कि शीघ्र ही राज्य सरकार का एक अन्य टॉल फ्री नंबर जारी होगा. व्यवसायी संजय जौहर ने कहा कि शुरू में दो प्रतिष्ठान का माइग्रेशन कराया था. इसमें एक में रिटर्न नहीं भरना था और दूसरे को सरेंडर करना था, लेकिन कैंसिलेशन का ऑपशन नहीं आता है. ऐसा नहीं करने पर छह हजार की पेनाल्टी का नोटिस भी आ गया है. इस पर अधिकारियों ने कहा कि वेबसाइट को अपग्रेड किया गया है.