उक्त बातें जरमुंडी के विधायक बादल ने कही. उन्होंने कहा कि जरमुंडी, सारवां, सोनारायठाढ़ी सहित अन्य इलाके में देखा कि किसानों में मायूसी छायी है. 20 फीसदी से अधिक धान की फसल बर्बाद हो गयी है.
जबकि शुरुआत में धान की फसल अच्छी दिख रही थी. बारिश भी समय पर हुआ तो फसल इस बार अच्छी होने की उम्मीद थी, लेकिन पिछले दो दिनों की बारिश ने धान की फसल को अधिक नुकसान पहुंचाया है. यही स्थिति संताल परगना के अन्य जिले के फसलों की है. इसलिए सरकार जिला प्रशासन को निर्देश दे कि बारिश से जिन किसानों के धान की फसल बर्बाद हुई है, उसका आकलन कर, क्षति के आधार पर किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा करे.