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पुलिस के खिलाफ बयानबाजी पर दो गिरफ्तार

नहीं थम रहा बालुरघाट सोशल मीडिया विवाद विरोध में सड़क पर उतरी स्थानीय जनता पुलिस ने मौन जुलूस निकालने से रोका गिरफ्तार लोग दो दिनों की पुलिस रिमांड पर बालुरघाट : जिला शासक के पास सपरिवार इच्छा मृत्यु की अपील करने के अगले दिन ही देवजीत राय नामक व्यवसायी को बालुरघाट पुलिस ने गिरफ्तार कर […]

नहीं थम रहा बालुरघाट सोशल मीडिया विवाद

विरोध में सड़क पर उतरी स्थानीय जनता
पुलिस ने मौन जुलूस निकालने से रोका
गिरफ्तार लोग दो दिनों की पुलिस रिमांड पर
बालुरघाट : जिला शासक के पास सपरिवार इच्छा मृत्यु की अपील करने के अगले दिन ही देवजीत राय नामक व्यवसायी को बालुरघाट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ सोशल मीडिया में पुलिस के खिलाफ बयानबाजी के मामले में पुलिस ने अनुपम राय नामक एक और युवक को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को दोनों को दक्षिण दिनाजपुर जिला अदालत में पेश कर 14 दिनों की पुलिस रिमांड मांगी गयी. हालांकि अदालत ने उन्हें दो दिनों की पुलिस रिमांड पर दिया है.
इस पूरी घटना की शुरुआत दुर्गापूजा के दौरान वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण से हुई अव्यवस्था को लेकर पुलिस के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट से हुई. इसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस की मिलीभगत से टोटो चालकों ने पूजा घूमनेवालों से मनमाना किराया वसूल किया था. इस पोस्ट को शेयर करनेवाले तक के खिलाफ पुलिस की ओर से कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इसे लेकर दो बुद्धजीवियों को तीन दिन थाने बुलाकर पूछताछ भी की गयी थी.
पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार को बड़ी संख्या में बालुरघाट के आम नागरिक, युवक-युवतियां सड़क पर उतर आये. सैकड़ों लोग प्राइवेट बस स्टैंड इलाके में इकट्ठा होकर मौन जुलूस निकालने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन विशाल पुलिस बल ने इसे शुरू में ही रोक दिया. दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक विवाद से इलाके में तनाव छा गया. बालुरघाट थाना आइसी एवं डीएसपी हेडक्वार्टर सौम्यजीत बड़ुआ एवं एक डिप्टी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे. पुलिस की ओर से बताया गया कि बिना अनुमति के आन्दोलन नहीं किया जा सकता है. घटनास्थल पर बालुरघाट के विधायक विश्वनाथ चौधरी, भाजपा के जिला अध्यक्ष शुभेन्दु सरकार, आरएसपी नेता विमल सरकार सहित अन्य लोग भी पहुंचे. सभी की मध्यस्थता से तय किया गया की पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही आन्दोलन किया जायेगा. इसके बाद लगभग दो घंटे तक आन्दोलनकारी पुलिस के विरुद्ध स्लोगन देते-देते पीछे हट गये.
आंदोलनकारियों का आरोप है कि पुलिस आम लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार में हस्तक्षेप कर रही है. सोशल मीडिया में अपना मत प्रकाशित करने को लेकर लोगों की गिरफ्तारी और अब शांतिपूर्ण मौन रैली करने से भी पुलिस ने रोक दिया. डीएसपी हेडक्वार्टर सौम्यजीत बड़ुआ ने कहा कि आंदोलनकारियों ने अनुमति नहीं ली थी, जिसके कारण उन्हें रोक दिया गया. आवेदन करने पर अनुमति देने पर विचार किया जायेगा.

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