बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने चश्मदीदों से मिली जानकारी और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दो संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं.
गौरी लंकेश की हत्या की जांच के लिए कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल गठित किया है.
विशेष जांच दल के आईजीपी बी के सिंह ने कहा है, "हमें पता नहीं है कि ये लोग किस राज्य के हैं. हम मानते हैं कि इन लोगों ने यहां रहकर एक महीना नहीं तो कम से कम एक हफ्ते तक रेकी की थी. "
बी के सिंह ने हत्या में किसी प्रोफ़ेशनल किलर के शामिल होने की संभावना से इनकार किया.
पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या
गौरी लंकेश से आख़िर किसे ख़तरा था?
उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि उनकी हत्या पत्रकारिता की वजह से नहीं हुई है. वो अख़बार में जो लिखती थीं, हमें लगता है कि वो उनके सामाजिक कार्य का हिस्सा था. "
गौरी लंकेश को बेंगलुरू में उनके घर के बाहर पांच सितंबर को गोली मार दी गई थी.
अपने पिता की मौत के बाद वो ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ नाम से एक अख़बार चलाती थीं. उनकी हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था.
गौरी लंकेश ने कर्नाटक के तटीय इलाके में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ़ कम्यूनल हार्मनी फ़ोरम की स्थापना की थी, जिसके ज़रिए वो आवाज़ उठाती थीं.
बी के सिंह ने कहा, "हमने जानकरी देने वाले को दस लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी जिसके बाद से लोगों से जानकारी मिली थी, उसके आधार पर काम कर रहे हैं."
विशेष जांच दल ने चश्मदीदों के बयानों और सीसीटीवी फुटेज के तकनीकी इनपुट के आधार पर तीन स्केच तैयार किए हैं.
उन्होंने कहा, "हमें संदिग्धों की जानकारी चाहिए. वो कहीं ठहरे होंगे या फिर गौरी के घर के बाहर देखे गए होंगे. हम उनके घर के बाहर मोटरसाइकिल पर आए संदिग्धों का वीडियो फुटेज भी जारी कर रहे हैं."
वो बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध को हेलमेट पहने देखा गया था लेकिन कई जगहों पर ये बिना हेलमेट के नज़र आए हैं.
उन्होंने कहा, ”मैं ये नहीं कह सकता कि कितने सीसीटीवी फुटेज की जांच हुई है. लेकिन हमने 75 टेट्राबाइट्स के स्टोरेज स्पेस खरीद लिया है."
एसआईटी ने अब तक 250 लोगों से पूछताछ की है.
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