जमशेदपुर : पत्नी के साथ गिरफ्तार अखिलेश सिंह 10 अक्तूबर को गुरुग्राम के जिस गेस्ट हाउस में ठहरा था, वहां उसने फर्जी वोटर कार्ड जमा किया जिसमें उसका नाम अभय सिंह तथा पिता का नाम सूर्यनाथ सिंह था, हालांकि तस्वीर अखिलेश सिंह की ही लगी थी.
पुलिस ने उसके पास से फर्जी दस्तावेजों के अलावा मोटी रकम भी जब्त की है. अखिलेश पुलिस की दबिश के कारण दूसरों के खाता में रंगदारी की राशि मंगवाकर अपना जीवन गुजार रहा था. हालांकि इस बारे में पुलिस कुछ नहीं बता रही है.
बनारस में पुलिस व राजनीतिक पकड़ के कारण बच गया था : अखिलेश सिंह की झारखंड के अलावा बनारस में ससुराल वालों के जरिये पुलिस प्रशासन व राजनीति में अच्छी पकड़ थी. अपनी पकड़ के कारण वह जिला पुलिस की टीम को चकमा देकर फरार हो गया था. उस दौरान बनारस पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने जिला पुलिस की छापामारी से पहले उसको फ्लैट में जाकर जमशेदपुर पुलिस के आने की सूचना दे दी थी.
पुलिस सूत्रों के अनुसार सिटी एसपी प्रशांत आनंद के नेतृत्व में टीम अखिलेश सिंह की तलाश में बनारस गयी थी. बनारस पुलिस की मदद से अखिलेश सिंह के जिस फ्लैट में छापेमारी करनी थी, वहां से अखिलेश पहले ही फरार हो गया था. बाद में पुलिस को पता चला कि बनारस के जिस टीम को वह साथ लेकर चल रहे थे, उसी टीम के पुलिस पदाधिकारी ने फ्लैट में जाकर जिला पुलिस की पहुंचने की खबर दी थी.