पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा इकाई के सदस्यों के आज यहां राजभवन की ओर मार्च के दौरान हुए पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. राजद सदस्य सृजन घोटाला मामले की जांच में राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग को लेकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपने के लिए जा रहे थे.
-पार्टी ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को एक ज्ञापन सौंपने के लिए इस मार्च का आयोजन किया था. राजद सदस्य सृजन घोटाले के दोषियों को कथित रूप से बचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे की भी मांग कर रहे थे.
-यह घोटाला करोडों रुपये की सरकारी धनराशि को धोखाधड़ी से भागलपुर के एक एनजीओ सृजन के खाते में हस्तांरित करने से संबंधित है. राजद की युवा इकाई के कार्यकर्ताओं को राजभवन की ओर मार्च करने से जब पुलिस ने रोका को तो उन्होंने पथराव किया.
-राजद युवा इकाई ने दावा किया कि पुलिस ने राजद कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें छोड़ी जिससे उसके पांच युवा कार्यकर्ता घायल हो गये.
-शहर के पुलिस अधीक्षक (मध्य) डी अमरकेश ने राजद के आरोप से इनकार करते हुए कहा, पुलिस ने राजद कार्यकर्ताओं के खिलाफ न तो लाठीचार्ज किया और न ही पानी की बौछारें छोड़ी.
-इसके बजाय उन्होंने (राजद) ने पथराव किया जिसमें हमारे एक कांस्टेबल को सिर में चोट लगी. उन्होंने पीटीआइ को बताया कि किसी भी राजद कार्यकर्ता को इस संबंध में न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया.
– बातचीत के बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गये थे. राजद बिहार युवा इकाई के अध्यक्ष कारी सोहेब ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता राजभवन की ओर मार्च करने से पहले निर्धारित स्थान पर इकट्टा हुए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. उन्होंने जब विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया.
-राजद कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफे की मांग कर रहे है क्योंकि वे घोटाले के दोषियों को बचा रहे है. जब तक वे पदों पर है तो सीबीआई की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है.
-हम इस घोटाले की सीबीआई जांच की उच्चतम न्यायालय से निगरानी की भी मांग करते है.
-पार्टी नेताओं ने कहा कि कहा कि प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन नहीं सौंप सका क्योंकि राजभवन में उसे प्राप्त करने के लिए कोई नहीं था.
-राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आरोप लगाया था कि कुमार और सुशील मोदी घोटाले में शामिल थे और उन्होंने शीर्ष अदालत की निगरानी में इसकी सीबीआई जांच की मांग की थी.
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