भागलपुर : शहीद एयर फोर्स के जवान निलेश कुमार नयन का अंतिम संस्कार गुरुवार को सुल्तानगंज स्थित गंगा किनारे श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ दाह-संस्कार किया गया. शहीद निलेश के छोटे भाई आर्मी जवान नितेश कुमार नयन ने उन्हें मुखाग्नि दी. मुखाग्नि से पूर्व हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंज उठे. राज्य सरकार की ओर से दिये गये 11 लाख का चेक सुल्तानगंज बीडीओ प्रभात रंजन ने निलेश के पिता को सौंपा. इससे पहले एयर फोर्स के वाहन से पौने चार बजे निलेश का पार्थिव शरीर उनके सुल्तानगंज स्थित उधाडीह गांव पहुंचा, जहां हजारों लोगों की भीड़ पहले से दर्शन के लिए मौजूद थी. निलेश के घर स्थित चौराहे पर एयर फोर्स के जवानों ने निलेश का ताबूत में रखा पार्थिव शरीर उतारा और उसके आंगन में ले गये. विभिन्न विधान पूरी होने के बाद ताबूत में रखा निलेश का शव लेकर श्मशान घाट के लिए प्रस्थान किया.
आंगन में कुछ ही लोग शहीद का दर्शन कर पाये. इस कारण लोगों ने गांव के चौराहे पर शव वाहन रोक दिया और दर्शन कराने की जिद पर अड़ गये. प्रशासन जल्दबाजी में श्मशान घाट पहुंचना चाहता था. वजह यह थी कि सूर्यास्त हो जाने पर गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दे पाते. आखिरकार लोगों की भावना को देखते हुए पदाधिकारियों को झुकना पड़ा. गांव के स्कूल के मैदान में शव वाहन पहुंचा, जहां सभी लोगों ने शहीद के दर्शन किये. शहीद के पिता, माता, पत्नी व अन्य परिजनों को राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन, विधायक सुबोध राय, जदयू जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी आदि पहुंचे थे. श्मशान घाट पर उक्त लोगों के साथ-साथ नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार, आइजी सुशील मान सिंह खोपड़े, डीआइजी विकास वैभव, जिलाधिकारी आदेश तितरमारे, एसएसपी मनोज कुमार, एसडीओ रोशन कुशवाहा आदि मौजूद थे. सबने शहीद को श्रद्धांजलि दी. आर्मी के दानापुर स्थित बिहार रेजिमेंट से आये मेजर प्रीतम प्रियदर्शी, सूबेदार पीसी झा और 24 जवान के अलावा एयर फोर्स के कई पदाधिकारियों व जवानों ने श्रद्धांजलि दी. शहीद की पत्नी मनीषा नयन अपनी 14 माह की बेटी हिमांशी नयन के साथ शव वाहन में साथ ही गांव आयीं.
शहीद निलेश के पिता तरुण कुमार सिंह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मोबाइल पर बात करायी गयी. मुख्यमंत्री ने श्री सिंह को ढाढ़स बंधाया. उन्होंने कहा कि वे सांसद, विधायक व अन्य प्रतिनिधियों को भेज रहे हैं. वे उनके साथ हैं. निलेश चंडीगढ़ में कार्यरत थे. जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में निलेश शहीद हो गये. इस बात को लेकर पूरे गांव में आक्रोश था कि आखिर चूक क्यों हुई. ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जवानों की ड्यूटी के लिए बनाये गये प्लान इतने ढीले क्यों. आखिर कब तक जवान जान देते रहेंगे. इसी बात पर शहीद निलेश के पिता ने मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे जदयू जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी को आवेदन सौंप कर घटना की जांच की मांग की. श्री गोस्वामी ने आश्वस्त किया कि जो मांगें हैं, उसके आवेदन वे खुद मुख्यमंत्री से मिल कर सौंपेंगे.