संयुक्त राष्ट्रः भारत ने कश्मीर मुद्दा बार-बार ऐसे मंचों पर उठाने के लिए पाकिस्तान की मंगलवार को निंदा की जहां वह कभी एजेंडे का हिस्सा नहीं रहा. इसके साथ ही, उसने यह भी कहा कि पड़ोसी देश इतिहास के उस मोड़ से आगे बढ़ने की बजाय पुराना राग अलापता रहता है. भारत की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आयी है, जब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का वि-उपनिवेशीकरण एजेंडा जम्मू-कश्मीर के लंबे विवाद के समाधान के बिना अपूर्ण बना रहेगा.
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पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की चौथी समिति में वि-उपनिवेशीकरण पर चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के मंत्री एस श्रीनिवास प्रसाद ने कहा भारत पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल के उन मुद्दों को लाये जाने के प्रयासों को खारिज करता है, जो समिति के इतिहास में कभी इसके एजेंडे में भी नहीं रहे. उन्होंने कहा कि भारत इसे एजेंडे से ध्यान भटकाने वाला मानता है.
भारतीय राजनयिक ने कहा कि इस मंच का इस्तेमाल जहां सभी ने गैर-स्वशासी क्षेत्रों के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए किया. वही, एकमात्र देश , जो हमेशा की तरह ,आगे बढ़ने की बजाय पुराना राग अलाप रहा है. जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर किसी भी परिभाषा के तहत विवाद है और संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य पक्षों पर इसके समाधान का स्पष्ट दायित्व है.
इससे पूर्व लोधी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भारत विरोधी रुख को जारी रखा. उन्होंने कहा कि भारतीय दावों के विपरीत जम्मू-कश्मीर भारत का न कभी अभिन्न अंग था और न कभी हो सकता है. यह विवादित क्षेत्र है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के अनुसार इसकी अंतिम स्थिति का अभी निर्धारण होना है.