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इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा, किसी भी अभ्यर्थी के साथ नहीं होगा अन्याय : आयोग

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आठ अक्तूबर को आयोजित 886 पदों के लिए इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में कई गलत प्रश्न पूछे गये. कई प्रश्न के जवाब के लिए दिये गये विकल्प भी गलत थे. गलत शब्दों का प्रयोग किया गया. स्थलों के नाम गलत लिखे गये. इस वजह से अभ्यर्थी दिग्भ्रमित हो […]

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आठ अक्तूबर को आयोजित 886 पदों के लिए इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में कई गलत प्रश्न पूछे गये. कई प्रश्न के जवाब के लिए दिये गये विकल्प भी गलत थे. गलत शब्दों का प्रयोग किया गया. स्थलों के नाम गलत लिखे गये. इस वजह से अभ्यर्थी दिग्भ्रमित हो गये. हालांकि आयोग की ओर से कहा गया है कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा.

आयोग ने प्रश्न संख्या 16 में पूछा कि बिरसा मुंडा का जन्म कब हुआ था? विकल्प में था 1974,1975 या 1985. ये सभी विकल्प गलत थे. पूर्व में भी आयोग ने कई परीक्षाअों में गलत प्रश्न पूछने पर उसे रद्द कर उसका पूरा अंक सभी अभ्यर्थियों को दिया था. प्रॉस्पेक्टस में भी इसका प्रावधान किया गया है. आयोग अभ्यर्थियों से आपत्ति मांगेगा, उस पर विशेषज्ञों की समिति निर्णय लेगी.

यदि प्रश्न या विकल्प गलत पाये जायेंगे, तो उसका पूरा अंक सभी अभ्यर्थियों को दिया जायेगा. उधर, परीक्षा में नकारात्मक (निगेटिव) अंक देने का प्रावधान है. एक गलत जवाब पर एक अंक कटेगा. पहली पाली में भाषा के 100 प्रश्न (300 अंक), द्वितीय पाली में 120 प्रश्न (360 अंक) व तृतीय पाली में 120 प्रश्न (360 अंक) पूछे गये थे. नकारात्मक अंक देने का प्रावधान रहने के कारण अभ्यर्थी अधिक परेशान हैं.

ये गलत प्रश्न पूछे गये थे : सामान्य अध्ययन के ग्रुप सी के प्रश्न पत्र में पांच प्रश्न या उनके नीचे दिये गये विकल्प को अभ्यर्थियों ने गलत बताया. प्रश्न संख्या 95 में पूछा गया कि निम्नलिखित में से किस वंश ने सबसे पहले मगध साम्राज्य पर शासन किया? विकल्प था हरण्यक, माैर्या, शिशुनाग, नंद वंश. सभी गलत है, सही उत्तर हरियक होना चाहिए था. उसी प्रकार प्रश्न संख्या 74 में निम्न में से काैन सी झारखंड की जनजातियों की संगीत कला नहीं है. दिये गये विकल्प गलत हैं. प्रश्न संख्या 54, प्रश्न 98, प्रश्न संख्या 85 को भी अभ्यर्थियों ने गलत बताया है. हिंदी में छपे प्रश्न पत्र में त्रुटियों की भरमार है.
प्रतियोगिता परीक्षा में यदि प्रश्न गलत पूछे गये हैं, तो वैसी स्थिति में किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होगा. आयोग उस पर निर्णय लेगा. निर्णय अभ्यर्थियों के हित में रहेगा. उन्होंने प्रश्न देखा नहीं है. प्रश्न पत्र आयोग के स्तर पर तैयार नहीं किया जाता है. यह कहां आैर कैसे तैयार होता है, नहीं बता सकते हैं. यह गोपनीय मामला है. परीक्षा होने के बाद आयोग के लोग प्रश्न देख पाते हैं.
मेघू बड़ाइक, सचिव झारखंड कर्मचारी चयन आयोग
ये गलत प्रश्न पूछे गये थे : सामान्य अध्ययन के ग्रुप सी के प्रश्न पत्र में पांच प्रश्न या उनके नीचे दिये गये विकल्प को अभ्यर्थियों ने गलत बताया. प्रश्न संख्या 95 में पूछा गया कि निम्नलिखित में से किस वंश ने सबसे पहले मगध साम्राज्य पर शासन किया? विकल्प था हरण्यक, माैर्या, शिशुनाग, नंद वंश. सभी गलत है, सही उत्तर हरियक होना चाहिए था. उसी प्रकार प्रश्न संख्या 74 में निम्न में से काैन सी झारखंड की जनजातियों की संगीत कला नहीं है. दिये गये विकल्प गलत हैं. प्रश्न संख्या 54, प्रश्न 98, प्रश्न संख्या 85 को भी अभ्यर्थियों ने गलत बताया है. हिंदी में छपे प्रश्न पत्र में त्रुटियों की भरमार है.
प्रश्न पत्र में कुछ शब्द भी गलत छपे हुए थे
छपे हुए गलत शब्द सही शब्द
बिरर्सा बिरसा
मेमरी मेमोरी
कुबेट कुवैत
लोहारडागा लोहरदगा
लतेहर लातेहार
सबजी सब्जी
कोडर्मा कोडरमा
सतबारवा सतबरवा
पालमू पलामू

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