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जेएलएनएमसीएच: बढ़ रहे डेंगू मरीज, सुविधाएं अपर्याप्त, मच्छरदानी तक मयस्सर नहीं
भागलपुर: मौसम अब सर्द हाेने लगा है. लेकिन जेएलएनएमसीएच में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि इन्हें अभी डेंगू का संदेहास्पद मरीज कहा जा रहा है. जांच के बाद डेंगू होने की पुष्टि की जायेगी. इन मरीजों में 85 प्रतिशत झारखंड प्रदेश के तीन जिले क्रमश: पाकुड़, साहेबगंज व गोड्डा के हैं. हर […]
भागलपुर: मौसम अब सर्द हाेने लगा है. लेकिन जेएलएनएमसीएच में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हालांकि इन्हें अभी डेंगू का संदेहास्पद मरीज कहा जा रहा है. जांच के बाद डेंगू होने की पुष्टि की जायेगी.
इन मरीजों में 85 प्रतिशत झारखंड प्रदेश के तीन जिले क्रमश: पाकुड़, साहेबगंज व गोड्डा के हैं. हर रोज यहां पर सात से 10 डेंगू के संदिग्ध मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. इन सबके बावजूद डेंगू के इन संदिग्ध मरीजों को दवा और मच्छरदानी तक मयस्सर नहीं है. इलाज के नाम पर इन्हें बस स्लाइन चढ़ाया जा रहा है.
थर्मामीटर तक मेडिसिन विभाग से गायब : डेंगू मरीजों को बुखार मापने के लिए मेडिसिन विभाग में थर्मामीटर तक नहीं है. यहां पर इलाजरत डेंगू के संदिग्ध सभी मरीजों को थर्मामीटर खरीदना पड़ा.
अपनी जेब से खरीदनी पड़ी दवा : पाकुड़ जिले के मध्यपाड़ा निवासी उमर फारूक (30 वर्ष) को गुरुवार/शुक्रवार की रात दो बजे मेडिसिन विभाग के बेड नंबर 128 पर भर्ती कराया जाता है. इनकी माने तो इलाज के नाम पर सिर्फ इन्हें स्लाइन चढ़ाया गया तो दवा तक अपनी जेब से खरीदनी पड़ी. ये बताते हैं कि इन्हें मच्छरदानी तक नहीं दी गयी. जबकि नियमानुसार, डेंगू के मरीज को मच्छरदानी मिलना ही चाहिए. न मिलने की दशा में इन्हें काटने वाला मच्छर अगर किसी दूसरे मरीज को काट लिया तो उसे भी डेंगू हो जायेगा.
डेंगू के मरीजों के लिए न तो दवा की कमी है आैर न ही मच्छरदानी की. ऐसे में अगर मरीजों को अगर दवा बाहर से खरीदनी पड़ रही है तो यह गलत है. शनिवार को इस मामले की जांच करूंगा. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
डॉ आरसी मंडल, अधीक्षक जेएलएनएमसीएच भागलपुर
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