मुंबई : जाने-माने फिल्मकार और अभिनेता फरहान अख्तर ने रितिक रोशन-कंगना रनौत विवाद को लेकर किसी का नाम लिये बगैर कहा कि लोगों और मीडिया को किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए और लैंगिक आधार पर भेदभाव भी नहीं करना चाहिए.
फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में बतौर अभिनेता और ‘लक्ष्य’ में बतौर निर्देशक के तौर पर रितिक के साथ काम कर चुके फरहान ने कहा कि यह फैसला करने का हक उनको नहीं है कि कौन सही है या कौन गलत है. लेकिन उनका मानना है कि हालात पर टिप्पणी करना जरूरी है.
फरहान ने फेसबुक पोस्ट में कहा, मैं इससे सहमत हूं कि हमारे समाज में अक्सर महिला ही नाइंसाफी और अत्याचार का शिकार होती है. यह डरावना है, लेकिन सच है कि बलात्कार के कुछ मामलों में समाज का एक हिस्सा पीड़िता को ही जिम्मेदार ठहराता है.
मैंने इसे हमेशा अस्वीकार्य पाया है. उन्होंने कहा कि कंगना और रितिक विवाद को लेकर मीडिया ने जिस तरह से चीजों को पेश किया उससे वह खुश नहीं हैं.
फरहान ने कहा, 4 साल पहले मैंने MARD (Men Against Rape & Discrimination) की स्थापना की थी. इसके जरिए मैं लिंग संबंधी हिंसा के खिलाफ लड़ना चाहता था.
कुछ घटनाओं में महिलाओं को गलत ठहराया जाता है, लेकिन कुछ और सभी में अंतर है. हालांकि कुछ केस ऐसे भी होते हैं, जहां पुरुषों का पीछा किया जाता है, उनका शोषण होता है और उन पर गलत आरोप लगाए जाते हैं. यह सच्चाई हमारे देश के सर्वोत्तम न्यायालय ने भी मानी है.