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स्वस्थ बिहार के लिए एप, बतायेगा कि किस बच्चे को कब लगेगा कौन सा टीका
बच्चों का समय से टीकाकरण कराने की भी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों की होती है. इसके बावजूद टीकाकरण से तमाम बच्चे छूट जाते हैं. गर्भवती महिलाओं की भी समय से जांच नहीं हो पाती. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. विशेष एप आंगनबाड़ी सहायिकाओं को याद दिलायेगा कि कौन सा टीका लगने का समय आ गया. बाकायदा […]
बच्चों का समय से टीकाकरण कराने की भी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों की होती है. इसके बावजूद टीकाकरण से तमाम बच्चे छूट जाते हैं. गर्भवती महिलाओं की भी समय से जांच नहीं हो पाती. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. विशेष एप आंगनबाड़ी सहायिकाओं को याद दिलायेगा कि कौन सा टीका लगने का समय आ गया. बाकायदा बच्चे का नाम, पिता का नाम, पता आदि भी स्क्रीन पर दिखेंगे.
राजेश कुमार सिंह
पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों को कब-कौन सा टीका लगना है, इसकी जानकारी स्मार्ट फोन देगा. इतना ही नहीं, केंद्रों पर आने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच कब हुई थी, अगली जांच कब होनी है, इसकी भी जानकारी आंगनबाड़ी सहायिकाओं को मिलेगी.
इसके लिए सरकार ने विशेष एप ‘आइसीडीएस कैस’ बनवाया है. यह एप सहायिकाओं के स्मार्ट फोन पर याद दिलायेगा कि बच्चों या गर्भवती महिलाओं की जांच से संबंधित कौन सी चीज बाकी है. यह सब काम आइसीटीआरटीएम (इनफॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी रियल टाइम मॉनीटरिंग) के तहत आइसीडीएस (समेकित बाल विकास सेवा) निदेशालय के माध्यम से हो रहा है.
अब नहीं छूटेगा कोई बच्चा : भारत सरकार ने वर्ल्ड बैंक की मदद से स्निप (आइसीडीएस सिस्टम स्टेंडनिंग एंड न्यूट्रिशन इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम) शुरू किया है. यह सात साल का कार्यक्रम है. सरकार की मंशा है कि कुपोषण को जड़ से खत्म कर दिया जाये. इसके लिए सिर्फ बच्चा ही नहीं, बल्कि माताओं का भी ख्याल रखना है. माताएं स्वस्थ होंगी तो शिशु भी स्वस्थ होंगे. इसके लिए लगातार हर घर तक आंगनबाड़ी के माध्यम से पहुंच बनाने की कोशिश होती है.
पूरा डाटा हुआ है फीड
अब केंद्रों पर घालमेल करना आसान नहीं होगा. विशेष एप में सभी केंद्रों से संबंधित हर तरह का डाटा फीड है. नये पंजीकृत होने वाले बच्चे और महिलाओं का नाम, पता, आधार नंबर आदि हाथों-हाथ फीड किया जा रहा है. रोज कितने बच्चों को टीएचआर (टेक होम राशन) दिया गया, कितनी महिलाओं की जांच हुई, कितने बच्चों को टीका लगा, कितने बच्चे आये, कितने अनुपस्थित रहे आदि संबंधित विवरण रोज फीड करना है.
पहले चरण में मिली सफलता
पहले चरण में कुछ माह पूर्व ही ट्रायल के लिए आईसीडीएस निदेशालय ने सीतामढ़ी और समस्तीपुर में स्मार्ट फोन के जरिये विशेष एप का उपयोग शुरू किया था. इसकी सफलता के बाद भागलपुर में भी शुरुआत कर दी गयी. अब जहानाबाद, बक्सर, लखीसराय में भी इसे शुरू करने की योजना है.
कुपोषण के खात्मे को लेकर लगातार काम चल रहा है. अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लेकर भी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. विशेष एप से मॉनीटरिंग आसान हो जायेगी. कोई बच्चा टीकाकरण से नहीं छूटेगा. महिलाओं की समय से जांच हो पायेगी. विशेष एप के जरिये पूरे प्रदेश में केंद्रों का संचालन होगा.
– आरएसपी दफ्तुआर, निदेशक, आइसीडीएस
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