भिवानी : हरियाणा में जहां दुपट्टे को महिलाओं की गरिमा का प्रतीक माना जाता है. वहीं प्रदेश सरकार अपनी सरकारी मैगजीन मेंभी घूंघट को हरियाणा की शान बता चुकी है. हालांकि अब हरियाणा की महिलाओं के लिए बड़ी चेतावनी है. महिलाओं को अगर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की जनसभा में जाना है तो उनके काले दुप्पटेको लेकर जाने पर प्रतिबंध रहेगा. अगर कोई महिला गलती से काला दुपट्टा लेकर सीएम के कार्यक्रम में चली भी जाती है तो उन्हें मानसिक रूप से सार्वजनिक जनसभा में अपना दुपट्टा उतारकर अपमानित होने के लिए तैयार रहना पड़ेगा. कुछ ऐसा ही नजारा आज सीएम की जनसभा में देखने को मिला.
हरियाणा के अस्तित्व में आने के पचास वर्ष में यह अपनी तरह की पहली घटना है. जिसमें सत्तारूढ़ सरकार ने महिलाओं के दुप्पटे उतरवाकर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है. वह भी तब जब स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान बेटी-बचाआे, बेटी-पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित करने के लिए राज्य स्तरीय महिला जनसभा का आयोजन किया जा रहा था.
पूरा घटनाक्रम शनिवार को भिवानी के भीम स्टेडियम का है. जनसभा में भाग लेने के लिए स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी तथा अन्य एनजीआे से संबंधित जो भी महिलाएं काले सूट पहनकरसभा स्थलपहुंची थी उन्हें पंडाल के भीतर नहीं घुसने दिया गया. कई महिलाओं के लिए काला सूट ही मुसीबत बन गया. जिसकेकारण महिलाएं या तो कार्यक्रम में भाग लिए बगैर ही लौट गयी या फिर उन्हें कार्यक्रम समाप्त होने के लिए कई घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीएम की जनसभा में जो महिलाएं काले रंग के दुप्पटे लेकर पहुंची थी उन महिलाओं के दुप्पटे सभा स्थल से बाहर उतरवाकर ही उन्हें भीतर भेजा गया. इस दौरान कुछ महिलाओंऔर पुलिसकर्मियों के बीच विवाद भी हुआ. जिसपर अधिकारियों का तर्क था कि उन्हें आला अधिकारियोंसे आदेश मिला हैं. इसके बाद ही महिलाओं के दुप्पटे बाहर उतरवाये जा रहे हैं. बताया जाता है कि पुलिस को आशंका थी कि महिलाएं सभा के दौरान काले दुप्पटे का झंडी के रूप में इस्तेमाल करके मुख्यमंत्री का विरोध कर सकती है. चर्चा है कि इस पूरे घटनाक्रम से महिलाआें में सरकार के विरुद्ध रोषव्याप्तहो रहा है.