चाईबासा : मातृभाषा आधारित बहुभाषाई शिक्षण कार्यक्रम के तहत हो भाषा के प्रशिक्षण के तीसरे दिन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्थानीय भाषा का प्रयोग करते हुए बच्चों को गणितीय ज्ञान देने पर सामूहिक चर्चा की. गणित सिखाने से पूर्व पाठ योजना तैयार करने की बात कही गयी और सभी समूहों ने पाठ योजना चार्ट पेपर में बनाकर प्रस्तुति दी. प्रशिक्षकों ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने से पूर्व शिक्षकों को तय कर लेना है कि क्या, कितना और कैसे पढ़ाना है. अमुक विषयवस्तु पढ़ाने का क्या उद्देश्य है.
विषयवस्तु स्पष्ट होना चाहिए और पढ़ाई के दौरान आवश्यकता के अनुसार संसाधन का उपयोग करना है. प्रशिक्षक कृष्णा देवगम, यादव कालुंडिया और राधाकृष्ण बिरुआ ने कहा कि बच्चों को अपनी गति से सीखने का अवसर प्रदान करना है. प्रयास करना चाहिए कि बच्चे खोजी प्रवृत्ति के बनें. बच्चों को पाठ का सार अच्छे से समझाने की जरूरत है
ताकि बच्चे को विषय के ठोस निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके. प्रशिक्षण में साधुचरण बुड़ीउली, शिवशंकर सांडिल, जयश्री जारिका, कश्मीर सिंह जारिका, उषा गोप, सुखमती हेम्ब्रम, गणेश्वर गोप, वीरसिंह सवैंया, गिनिसरी दोंगो, बासमती जारिका, सेलाय पुरती, लिंडावेंस बिरुआ आदि उपस्थित थे.