बैरगनिया : थाना क्षेत्र के जमुआ-पकड़िया गांव पुलिसिया खौफ के चलते खाली पड़ गया है. गिरफ्तारी के डर से अधिकतर लोग गांव छोड़ कर अन्यत्र चले गये हैं. जबकि महिला व बच्चे भी अन्यत्र अपने रिश्तेदारों के घर को रवाना हो रहे हैं. जो लोग गांव में हैं वह रात में अपने घरों में नहीं सोते हैं. बांध के पास खेत, सरेह व पेड़ों में छिपकर लोग रात गुजार रहे हैं.
शाम ढलते ही गांव में पुलिस की गाड़ियां पहुंचने लगती है. पुलिस वाहन गांव में आने के बाद अफरातफरी मच रही है. लोगों ने बताया कि पुलिस द्वारा कई प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं. इसमें बड़ी संख्या में अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया है. ऐसे में पुलिस किसी को भी उठा ले रहीं है. लिहाजा लोग छिपे हैं. गांव से अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग जेल जा चुके हैं.
वहीं एक बार फिर 38 नामजद व 500 अज्ञात के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गयी है. आरोपियों की तलाश में पुलिस दिन-रात छापेमारी कर रही है. पुलिस द्वारा महिलाओं की बर्बरता से की गयी पिटायी के बाद लोग अपने अपने घरों के बहु -बेटियों को अपने रिश्तेदारों के घर पहुंचा रहे हैं.
इधर, जमुआ बाजार व मड़पा बाजार में सन्नाटा पसरा है. इधर, पुलिस की पिटायी से गंभीर रूप से जख्मी पूनम देवी व उषा देवी अपने घर लौट चुकी है. घटना के बाद गांव के लोगों का रोजगार भी छूट गया है. लोग भागमभाग जिंदगी जी रहे है. इसी बीच रीगा अंचल के पुलिस इंस्पेक्टर संजीव कुमार गुप्ता ने जमुआ पहुंच कर लोगों से मुलाकात की. वहीं निर्भय होकर गांव में रहने की अपील की. इंस्पेक्टर ने लोगों को आश्वस्त किया की किसी भी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जायेगा. इंस्पेक्टर ने लोगों से सहयोग की भी अपील की. मालूम हो कि सामाजिक आयोजन के दौरान पुलिस व ग्रामीणों के बीच झड़प हो गयी थी. इसमें एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गये थे. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी किया था, वहीं वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसके बाद आरोपियों की तलाश में गयी पुलिस की टीम ने एक अक्तूबर की रात एक दर्जन महिला व पुरुषों की बेरहमी से पिटाई की थी. घटना के विरोध में लोगों ने दो अक्तूबर को बैरगनिया व जमुआ में सड़क जाम कर उग्र प्रदर्शन किया था. इस दौरान पुलिस ने बैरगनिया में प्रदर्शनकारियों पर जम कर लाठियां बरसायी थी. पुलिस ने सड़क जाम मामले में भी प्राथमिकी
दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है.