नयी दिल्ली / पटना : साल 2006 में आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव के लिए ठेका देने के मामले में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में सीबीआई ने शुक्रवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछताछ की. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में शुक्रवार को जांच टीम के सामने पेश होने से पहले 27 साल के तेजस्वी को तीन बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वह इससे पहले एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए.
उन्होंने कहा कि तेजस्वी शुक्रवार को निर्धारित समय सुबह 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे. एजेंसी ने गुरुवार को लालू प्रसाद से करीब सात घंटे तक पूछताछ की थी. इस मामले में आरोप है कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे की सहयोगी इकाई आईआरसीटीसी द्वारा संचालित दो होटलों (बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी) की देखरेख का जिम्मा एक निजी फर्म सुजाता होटल को सौंपा और बदले में एक बेनामी कंपनी के जरिये पटना में तीन एकड़ की महंगी जमीन के रूप में रिश्वत ली. सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि राजद नेता ने कोचर को अनुचित फायदा पहुंचाने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और बेनामी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के जरिए ऊंची कीमत की प्रीमियम जमीन हासिल की. इस लेन-देन में उन्होंने बेईमानी और धोखे से दोनों होटलों के लिए उन्हें ठेका दिया. सुजाता होटल को ठेका दिये जाने के बाद 2010 से 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग का मालिकाना हक भी सरला गुप्ता के पास से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास चला गया.
अपने पिता लालू यादव की तरह सीबीआइ के दफ्तर पहुंचने से पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि इनके फ़रेब और झूठ की रफ़्तार भले ही तेज है पर अंत में झूठ की पराजय और हमारे सत्य की विजय होगी. सच की डोर भले लम्बी हो पर उसे कोई तोड़ नहीं सकता है. तेजस्वी यादव ने 21 घंटे पहले अपने किये गये ट्वीट में यह भी कहा है कि सच है कि कभी झुकता नहीं और झूठ है सच मानिये टिकता नहीं.
इनके फ़रेब और झूठ की रफ़्तार भले ही तेज है पर अंत में झूठ की पराजय और हमारे सत्य की विजय होगी। सच की डोर भले लम्बी हो पर उसे कोई तोड़ नहीं सकता है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 6, 2017
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