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डीवीसी के पूर्व अधिकारी की हत्या की गुत्थी सुलझी

पंचेत: कोलकाता से अपने गांव नेपुरा (पंचेत) दुर्गा पूजा करने पहुंचे डीवीसी के सेवानिवृत्त भू-संपदा अधिकारी नारायण चंद्र सरकार (73) की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 72 घंटे के अंदर ही सुलझा ली है. इस मामले में पंचेत पुलिस ने नेपुरा निवासी सुबोध मंडल (52) व उनके पुत्र कीर्तन मंडल (32) को गिरफ्तार कर लिया […]

पंचेत: कोलकाता से अपने गांव नेपुरा (पंचेत) दुर्गा पूजा करने पहुंचे डीवीसी के सेवानिवृत्त भू-संपदा अधिकारी नारायण चंद्र सरकार (73) की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 72 घंटे के अंदर ही सुलझा ली है. इस मामले में पंचेत पुलिस ने नेपुरा निवासी सुबोध मंडल (52) व उनके पुत्र कीर्तन मंडल (32) को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार उन दोनों ने नारायण सरकार की हत्या करने की बात स्वीकारी है.
कैसे और क्यों दिया घटना को अंजाम
अष्टमी की सुबह 7.30 बजे नारायण चंद्र सरकार मॉर्निंग वाक करने अपने घर से निकले थे. उन्होंने धान खेत के निकट जाने के दौरान देखा कि सुबोध मंडल व उनके पुत्र कीर्तन मंडल बिजली के पोल से टोका लगाकर धान खेत में पंपिंग कर रहे हैं. रास्ते में तार रहने के कारण उसमें उनका पैर लग गया. उन्होंने दोनों पिता पुत्र से कहा कि तुमलोग चोरी की बिजली से पंप चला रहे हो. ऊपर से नंगे तार रास्ते पर बिछा दिये हो. इसी बात को लेकर तू-तू, मैं-मैं होने लगी. इसी बीच कीर्तन मंडल ने नारायण सरकार को धक्का दे दिया. इससे वह मुंह के बल गिर पड़े और बेहोश हो गये. इससे दोनों डर गये. अपने को फंसता हुआ देख दोनों ने नारायण की छाती पर बैठ कर तब तक हाथ व लात से वार किया, जब तक उनकी जान नहीं चली गयी. जब मौत हो गयी तो शव को जंगल में फेंक दिया. इसके बाद माचिस से पहने हुए पैजामा व लुंगी में आग लगा दी. आग लगाने के बाद चश्मा व अंगूठी को जंगल में फेंक दिया.

खुद ही पूछताछ में सारी बातों पर फंसते चले गये आरोपी पिता-पुत्र
ओपी प्रभारी रवि प्रकाश राम ने बताया कि अष्टमी की सुबह खोजबीन के दौरान दोनों से पूछताछ की गयी तो उनलोगों ने कहा कि नारायण सरकार को सुबह देखे थे. लेकिन वह किधर गये, इसका हमलोगों को कोई पता नहीं. इसी बात पर दोनों पर संदेह हुआ. मंगलवार को जब दोनों को हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गयी तो दोनों पिता-पुत्र ने हत्या की बात कबूली. आरोपित पिता-पुत्र की निशानदेही पर नेपुरा जंगल में छानबीन की गयी तो स्व सरकार का चश्मा झाड़ी से बरामद हो गया, कीमती अंगूठी नहीं मिली.
वार्ड सदस्य का पिता व भाई हैं आरोपी
पुलिस का कहना है कि हत्यारोपी सुबोध मंडल एक दशक पूर्व नारायण सरकार की जमीन पर भी बटाये पर खेती करता था. लेकिन बाद में नारायण ने अपने सभी जमीन जायदाद गांव में रह रहे अपने भाइयों के नाम कर दी. इस बात को लेकर भी सरकार के प्रति सुबोध का दुख था. लेकिन आरोपी परिवार गरीब है. दिहाड़ी मजदूरी भी करता है. सुबोध मंडल के दो पुत्र व एक पुत्री है. पुत्री सरस्वती मंडल की गांव में ही शादी हुई है. बेटी बांदा पूर्व पंचायत की वार्ड सदस्य है. पुलिस ने दोनों पिता-पुत्र के खिलाफ भादवि धारा 302, 201, 379, 34 के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया.
नासमझ व अशिक्षा के कारण दिया घटना को अंजाम : पुलिस
पंचेत पुलिस का मानना है कि पिता-पुत्र के नासमझ व अशिक्षित होने के कारण इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने 72 घंटे के अंदर मामले का उद्भेदन कर लिया है. आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.

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