आदेश : सूबे में हर साल 75 हजार से अधिक युवा करते हैं आईटीआई पास, उद्योगों को अप्रेंटिस रखने की अनिवार्यता
पटना : उद्योगों को अप्रेंटिस रखने की अनिवार्यता से राज्य के युवाओं को रोजगार का एक नया अवसर मिलेगा. केंद्र सरकार भी एनएपीएस (नेशनल अप्रेंटिंसशिप प्रमोशन स्कीम) को बढ़ावा दे रही है.
अब जिस औद्योगिक यूनिट में छह से अधिक लोग काम करते हैं, उनको कुल कामगारों का कम से कम 2.5 फीसदी व अधिकतम 10 फीसदी अप्रेंटिस रखना अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार एनएपीएस के तहत प्रति अप्रेंटिस 1500 रुपये प्रोत्साहन के रूप देगी. सरकार इस योजना को बढ़ावा देने के साथ-साथ उसे सही तरह से लागू करने में सख्ती भी दिखायेगी.
देश में मेक इन इंडिया के कंसेप्ट पर काम हो रहा है. इसमें अप्रेंटिस की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण है. एनएपीएस स्कीम को बढ़ावा देने से सबसे अधिक लाभ आईटीआई पास युवाओं को होगा. राज्य में औसतन हर साल 75 हजार युवा आईटीआई से उत्तीर्ण होते हैं. इनके लिए रोजगार एक बड़ी समस्या होती है. अब नयीव्यवस्था में रोजगार की एक बड़ी संभावना दिख रही है. अभी देश में महज 2.30 लाख युवा अप्रेंटिसकी ट्रेनिंग ले रहे हैं. पिछले महीने कौशल विकास मंत्रालय ने सभी
राज्यों को एनएपीएस के संबंध में गाइडलाइन भेजी है. केंद्र व राज्य सरकारें कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही हैं. केंद्र में तो इसके लिए अलग से मंत्रालय ही बना दिया गया है. राज्य में श्रम संसाधन विभाग के जिम्मे यह काम है.
15 लाख अप्रेंटिस का है लक्ष्य
एमएपीएस स्कीम के तहत 2017-18 में 15 लाख और 2018-19 में 20 लाख अप्रेंटिंस का लक्ष्य रखा गया है. अप्रेंटिसशिप से उद्योग और युवा दोनों को लाभ होगा. युवाओं को जहां रोजगार मिलेगा, वहीं उद्योंगों को दक्ष और कुशल कामगार. बैंकिंग सेक्टर में बड़ी संभावना है. किसी काम में दक्ष युवाओं की हर जगह डिमांड है. युवा जिस उद्योग में अप्रेंटिशिप करेंगे, वहीं उनको काम मिलने की अधिक संभावना रहेगी.
राज्य में जिस भी उद्योग में छह से अधिक लोग काम कर रहे हैं उन्हें अप्रेंटिस रखना है. नेशनल अप्रेंटिंसशिप प्रोमोशन स्कीम को बढ़ावा दिया जायेगा. इसका लाभ आइटीआइ उत्तीर्ण युवाओं को होगा.
दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव श्रम संसाधन विभाग