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बिहार: अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा कल से, बच्चों को नहीं मिलीं पाठ्य पुस्तकें, सिलेबस भी अधूरा

पटना : प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे बच्चों का सिलेबस भले ही पूरा नहीं हो पाया हो या किताबें उन तक नहीं पहुंचीं हों, पर बच्चे की मूल्यांकन परीक्षा के लिए विभाग तैयार है. प्रदेश भर के प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा […]

पटना : प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे बच्चों का सिलेबस भले ही पूरा नहीं हो पाया हो या किताबें उन तक नहीं पहुंचीं हों, पर बच्चे की मूल्यांकन परीक्षा के लिए विभाग तैयार है. प्रदेश भर के प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा पांच अक्तूबर से शुरू हो जायेगी. पांच से 11 अक्तूबर तक सभी जिले के विद्यालयों में मूल्यांकन परीक्षा ली जायेगी.
इसमें पूरे बिहार के 75 हजार विद्यालयों में नामांकित दो करोड़ 14 लाख बच्चे मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होंगे. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से प्रश्न पत्र का सेट तैयार किया गया है. प्रश्नों का सेट सभी विद्यालयों में भेज दिया गया है. सूत्रों की मानें तो स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति ये है कि बच्चाें के पास अब तक किताबें नहीं पहुंच पाने से सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है.
ऐसे में स्कूलों में आधे अधूरे सिलेबस के साथ बच्चे अद्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा कैसे देंगे. एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात और दूसरी तरफ पढ़ाई का यह हाल बच्चों के भविष्य को किस दिशा में ले जायेगा, यह काफी चिंतनीय है.
दो पालियों में ली जायेगी परीक्षा : परीक्षा दो पालियों में ली जायेगी. प्रथम पाली सुबह दस बजे से 12 बजे तक चलेगी जिसमें कक्षा पहली से पांचवीं के बच्चों की मूल्यांकन परीक्षा ली जायेगी. दूसर पाली में छठी से आठवीं कक्षा के बच्चे शामिल होंगे. दूसरी पाली की परीक्षा एक से तीन बजे तक ली जायेगी.
13 से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन : उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 13 से 23 अक्तूबर तक किया जाना है. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर उसे जिले के शिक्षा पदाधिकारी को भेजा जाना है, ताकि जिले से बच्चों का कंपाइल रिपोर्ट जारी किया जा सके.
काेट
अब तक स्कूलों में बच्चों तक किताबें नहीं पहुंच पायी हैं. पाठ्य पुस्तकों की कमी से बच्चों को परेशानी हो रही है. दशहरा पूजा की 11 दिनों की छुट्टी के बाद बच्चे की दो दिन ही पढ़ाई हुई है. अब गुरुवार से बच्चों का मूल्यांकन परीक्षा लिया जाना है. इसके लिए बच्चों का सिलेबस पूरा कराया जा रहा है. इसका प्रभाव सीधे रिजल्ट पर पड़ेगा.
डाॅ भोला पासवान, प्रदेश सचिव, अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ

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