मैनाटांड़ : मानपुर थाना क्षेत्र के पुरैनिया समेत दर्जनभर गांवों में हाथियों का उत्पात रोके नहीं रूक रहा है. कई दिनों से नेपाल सीमावर्ती थरूहट के कई गांवों में घुसकर हाथियों ने घरों, फसलों, घरेलू सामान को जबदस्त नुकसान पहुंचान रहे हैं. इसके साथ ही घरों में रखे बर्तन, कपड़े, अनाज समेत अन्य तरह के सामान भी बर्बाद कर रहे हैं.
इसी तरह खेतों में लगे ईख, धान, मक्का की फसलों को भी जबदस्त नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसको लेकर दर्जनभर गांवों में अफरातफरी का माहौल कायम है. इनके आतंक से कई गांवों में रतजगा की स्थिति है. इसकी सूचना ग्रामीणों की ओर से वन विभाग को दी जा चुकी है. लेकिन अब तक हाथियों को यहां से हटाने का कोई ठोस प्रबंध नहीं हो सका है. स्थिति है कि ग्रामीण स्वयं के भरोसे निडरता का परिचय देते हुए एकजुट होकर हाथियों को भगाने की जुगत में है. कई ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए ढोल-तासा, पटाखा के साथ ही ट्रैक्टर का सैलेंसर खोलकर ऊंची आवाज के माध्यम से हाथियों को भगाने में लगे हैं.
ग्रामीण मुखलाल उरांव तथा मुकेश उरांव ने बताया कि इनके घर को हाथियों ने तहस नहस कर दिया. इसी तरह गांव में लगे फसलों को भी जबदस्त नुकसान पहुंचाया. हालांकि वन विभाग के पदाधिकारी व थानाध्यक्ष ने भी नुकसान हुए गांवों में भ्रमणकर स्थिति का जायजा लिया था और इस क्रम में थानाध्यक्ष सिकंदर कुमार व रामप्रवेश प्रसाद चौधरी ने ग्रामीणों को हिदायत दिया कि हाथियों के आने पर धैर्य का परिचय दें. केवल तेज रोशनी व साउंड का प्रयोग करें. रौशनी व आवाज सुनकर हाथी स्थिर हो जाते हैं और बैरंग वापस लौट जाते हैं. थानाध्यक्ष ने बताया कि ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उन्हें हरसंभव सुरक्षा का भरोसा दिया गया है.