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अच्छी नहीं गैजेट्स से गहरी दोस्ती, घटती है उम्र…जानें बचाव के उपाय

टेक्नोलॉजी के इस युग में अधिकतर युवाओं का दिनचर्या मोबाइल अलार्म से शुरू होकर आइपैड व वीडियो गेम्स, कंप्यूटर और वीडियो चैट, मूवी, लैपटौप आदि के इर्द-गिर्द घूमता है. वे दिनभर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप जैसी सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर बिजी रहना पसंद करते हैं. वैसे गैजेट्स की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन इनका […]

टेक्नोलॉजी के इस युग में अधिकतर युवाओं का दिनचर्या मोबाइल अलार्म से शुरू होकर आइपैड व वीडियो गेम्स, कंप्यूटर और वीडियो चैट, मूवी, लैपटौप आदि के इर्द-गिर्द घूमता है. वे दिनभर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप जैसी सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर बिजी रहना पसंद करते हैं.
वैसे गैजेट्स की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन इनका जरूरत से ज्यादा प्रयोग सेहत के काफी हानिकारक साबित हो सकता है…
आज गैजेट्स हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं. शॉपिंग से लेकर टिकट बुकिंग करने जैसे कई काम स्मार्टफोन एवं एप्स की मदद से किये जा रहे हैं. एक ओर जहां कई छोटे-बड़े कामों को गैजेट्स ने आसान बना दिया है, वहीं हम इस सत्य से भी इनकार नहीं कर सकते कि वक्त के साथ हमारी निर्भरता इन पर बढ़ती जा रही है.
यह भी कह सकते हैं कि अब हमें जरूरत से ज्यादा इनकी आदत होने लगी है. जीवनशैली को प्रभावित करनेवाले इन गैजेट्स का प्रयोग सेहत के लिए काफी हानिकारक है. डालते हैं एक नजर, गैजेट्स के हद से ज्यादा प्रयोग के कारण उत्पन्न होनेवाली स्वास्थ्य समस्याओं पर…
हो सकती है नींद न आने की परेशानी
स्मार्टफोन पर उंगलियां घुमाते रहना आम-सा होता जा रहा है, लेकिन इसके अत्यधिक इस्तेमाल से अनिद्रा की शिकायत हो सकती है. इससे एकाग्रता और सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. एक वक्त के बाद यह आदत आपको उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे का शिकार बना सकती है.
गर्दन में दर्द
लैपटॉप पर काम करनेवाले युवाओं को गर्दन में दर्द की शिकार हो सकती है, क्योंकि लैपटॉप में स्क्रीन और कीबोर्ड काफी नजदीक होते हैं. इस कारण से इसका इस्तेमाल करने पर गर्दन को झुकाना पड़ता है, जिससे गर्दन में खिंचाव पैदा होता है और इसके कारण दर्द होता है.
इसके साथ ही उंगलियों में दर्द, आंखों में चुभन, आंखें लाल होने एवं धुंधला दिखायी देने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
घट जाती है लंबी उम्र
ब्रिटिश जर्नल आॅफ मेडिसन में प्रकाशित एक लेख के अनुसार 25 या उससे अधिक उम्र के लोगों द्वारा हर घंटे देखे गये टीवी से उनका जीवनकाल 22 सैकंड कम हो जाता है. हर भारतीय एक सप्ताह में औसतन 15-20 घंटे टीवी देखता है. रोज दो घंटे टीवी देने से टाइप-2 डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
बहरेपन की शिकायत
इयरफोन या हेडफोन पर संगीत सुनते हुए राह चलना युवाओं के लिए आम बात है, लेकिन वह आदत उन्हें बहरा बना सकती है. विषेशज्ञों की मानें तो 85 डेसिबल से अधिक ध्वनि सुनने की क्षमता को हमेशा के लिए खत्म कर सकती है. हमारी सामान्य बातचीत लगभग 60 डेसिबल की होती है और स्टीरियो हेडफोन से निकलने वाली तरंगें अक्सर 100 डेसिबल तक पहुंच जाती हैं, जिससे सुनने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है.
नहीं लगता पढ़ाई में मन
वे युवा जो कंप्यूटर व गैजेट्स के प्रयोग में अत्यधिक समय बिताते हैं उनकी पढ़ने की क्षमता पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. धीरे-धीरे उन का मन पढ़ाई में कम और गैजेट्स में ज्यादा लगने लगता है.
और भी हैं नुकसान
-लंबे समय तक लैपटॉप का उपयोग करने से तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त भी हो सकती हैं. ज्यादा समय तक गोद में रख कर लैपटॉप पर काम करने से पैरों की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है.
-वायरलेस उपकरणों से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें कैंसर का कारण बन सकती हैं और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाती हैं, लेकिन विशेषज्ञों में इनसे होने वाले नुकसानों को लेकर मतभेद है.
-गैजेट्स के अतिरिक्त इस्तेमाल से लोगों में चिड़चिड़ापन पैदा हो सकता है.
ऐसे करें बचाव
– लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करने वाले युवा पेड़-पौधों, सुबह की धूप और ताजी हवा में थोड़ा वक्त बिताएं.
– खाली समय में गैजेट में व्यस्त रहने की बजाय अपनी हॉबीज को निखारने का प्रयास करें.
– बच्चे को वीडियो गेम की बजाय बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें, इससे उनका शरीर मजबूत होगा, भूख बढ़ेगी और उन्हें वर्चुअल दुनिया से अलग सच्चे दोस्त मिलेंगे.
– फोन चार्ज करते वक्त उससे बात करने से बचें.
– बेवजह वीडिया चैट, व्हॉट्सएप में समय बिताने की बजाय परिवार को समय दें.
प्रस्तुति : प्राची खरे

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