गया : बिहार की जनता ने पांच वर्षों के लिए महागठबंधन की सरकार बनायी थी, मगर लोकतंत्र के साथ नाइंसाफी हो गयी़ जिन्हें विपक्ष में बैठना था, उन्हें सरकार में शामिल कर लिया गया. सरकार के लोगों को बाहर कर दिया गया. ये बातें बुधवार को जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद शरद यादव ने आमस प्रखंड के जीटी रोड स्थित महापुर मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात कही गयी थी. 15-15 लाख रुपये बाहर से लाकर देने की बात थी. अच्छे दिन का सपना दिखाया गया था, लेकिन कुछ भी पूरा न हुआ.
शरद यादव ने कहा कि नोटबंदी से करीब तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गये. किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं. लोकतंत्र बोली से चलती है, न कि गोली से. अंत में उन्होंने जनता से कहा कि ऊपर में महागठबंधन को तोड़ा गया है, परंतु नीचे में मत टूटने देना. अगले चुनाव में सबक सीखा देना है. धोखेबाजों को हरगिज वोट नहीं देना है. झाड़ू लगा कर धोखेबाजों को गंदगी की तरह साफ कर देना है.
वहीं, राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है. किसान अपनी जान दे रहे हैं. सामाजिक समीकरण को तोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब बार-बार नीतीश कुमार का नाम लेना ठीक नहीं है. क्योंकि, अब वे उस लायक नहीं रहे. बीएचयू का उल्लेख करते हुए कहा कि लड़कियों को जितनी बेरहमी से पीटा गया, उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है. अंत में उन्होंने पूरे देश में एकता बनाने पर जोर दिया, ताकि सामाजिक समीकरण बना रहे. पूर्व मंत्री रमई राम ने भी अपने संबोधन में नीतीश कुमार व केंद्र सरकार पर निशाना साध कर कहा कि नीतीश कुमार धोखेबाज हैं. उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी आदि फैसलों में केंद्र का साथ दिया. पूर्व सांसद राजवंशी महतो व अर्जुन सिंह यादव सहित अन्य ने भी सभा को संबोधित किया.